नकली उत्पादों के मामलों में पिछले तीन वर्ष के दौरान औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि

By भाषा | Published: June 8, 2021 09:31 PM2021-06-08T21:31:48+5:302021-06-08T21:31:48+5:30

Cases of counterfeit products increase by an average of 20 percent during the last three years | नकली उत्पादों के मामलों में पिछले तीन वर्ष के दौरान औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि

नकली उत्पादों के मामलों में पिछले तीन वर्ष के दौरान औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि

नयी दिल्ली, आठ जून बाजार में कंपनियों के नकली उत्पादों की बिक्री के मामले पिछले तीन साल के दौरान हर साल औसतन 20 प्रतिशत बढ़े हैं। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार नकली उत्पादों के सबसे ज्यादा मामले दवाओं, अल्कोहल, तंबाकू, पैकिंग वाले रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामानों और यहां तक कि मुद्रा में भी सामने आयें हैं।

‘भारत में नकली उत्पादों की स्थिति 2021’ पर इस रिपोर्ट को एक स्व-नियमन उद्योग संस्था ‘‘आथंटीकेशन साल्यूशन प्रोवाइडर्स एसोसियेसन (एएसपीए) ने तैयार किया है। रिपोर्ट को विश्व नकलीउत्पाद-रोधी दिवस के मौके पर जारी किया गया है। इसका मकसद नकली उत्पादों के प्रतिजागरुकता बढ़ाना है। रिपोर्ट में जनवरी 2018 से दिसंबर 2020 की अवधि के मामलों और रुझानों का जिक्र है।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में नकली उतपादों की घटनायें बढ़ी हैं और पिछले तीन साल (जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2020) की अवधि में ऐसे मामलों में हर साल औसतन 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हालांकि 2019 के मुकाबले 2020 में ऐसे रिपोर्ट किये गये मामलों में 17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

वैश्विक संस्था ओईसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक नकली उत्पादों का व्यापार वैश्विक व्यापार का 3.3 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इससे देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड- 19 संकट का भी नकली उत्पाद बनाने अथवा उनकी आपूर्ति करने वाले आपराधिक तत्वों ने लाभ उठाया है और ऊंची मांग वाली दवाओं, स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों, सुरक्षा, स्वच्छता उत्पादों तथा अन्य जरूरी उपकरणों में बाजार में नकली और घटिया उत्पादों को मिलाकर बाजार को दूषित किया है। इसने चिकित्सा सहकर्मियों, सुरक्षा में मदद करने वालों और मरीजों के साथ साथ पूरे समाज के जीवन को खतरे में डालने का काम किया है।

कोविड- 19 संकट के दौरान पीपीई किट, सैनिटाइजर आदि में काफी नकली उत्पाद उतारे गये। इसके अलावा शराब, तंबाकू उत्पाद, एफएमसीजी पैकिंग वाला सामान, करेंसी और दवाओं में भी सबसे जयादा नकली उत्पादों के मामले सामने आये हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक नकली उत्पादों के मामले में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ष्ट्र और ओडिशा में अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

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Web Title: Cases of counterfeit products increase by an average of 20 percent during the last three years

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