बिहार: बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी ने 3.71 करोड़ रुपये किए जब्त
By भाषा | Published: April 7, 2018 03:14 PM2018-04-07T15:14:49+5:302018-04-07T15:14:49+5:30
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच के दौरान पाया गया कि गया के बैंक ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों ने चार व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर कुछ निर्दोष लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग कर उनके खातों में चलन से बाहर किए गए नोटों के रूप में भारी मात्रा में मुद्रा जमा कर दी।
पटना , 7 अप्रैल: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटबंदी के बाद बिहार में एक बैंक में तीसरे पक्ष के खातों में नकदी जमा करने और इसका दुरुपयोग करने के मामले में कल दो कपंनियों के 3.71 करोड़ रुपये जब्त कर लिए। ईडी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खातों में भारी मात्रा में चलन से बाहर की गयी मुद्रा जमा किये जाने के इस मामले में शामिल दो कंपनियों के नाम राशि रखी गयी थी।
विज्ञप्ति में बताया गया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच के दौरान पाया गया कि गया के बैंक ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों ने चार व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर कुछ निर्दोष लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग कर उनके खातों में चलन से बाहर किए गए नोटों के रूप में भारी मात्रा में मुद्रा जमा कर दी। इसमें कहा गया है कि विभिन्न बैंक खातों में यह नकदी नकली व्यापार लेन-देन की आड़ में जमा की गई थी। चलन से बाहर किए गये नोटों के रूप में 3.71 करोड़ रुपये की नकदी फर्मों/लोगों की जानकारी और अनुमति के बिना उनके खातों में जमा की गई थी। इसमें कहा गया है कि बाद में यह राशि दो कंपनियों के खाते में भेज दी गयी।
इसमें बताया गया है कि एक कंपनी का निदेशक इस जमा राशि और लेन - देन के बारे में कोई भी तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दे सका जबकि एक अन्य कंपनी का निदेशक समन जारी किये जाने के बावजूद उपस्थित नहीं हुआ। एजेंसी ने बताया कि इस मामले में एक कंपनी के एक निजी बैंक खाते से 1.77 करोड़ रुपये और एक अन्य कंपनी के पीएसयू बैंक खाते से 1.94 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। ईडी ने यह भी कहा है कि गया में रहने वाले आरोपी व्यापारियों में से एक न्यायिक हिरासत में है और दो अन्य फरार हैं। विज्ञप्ति में बताया गया है कि मामले में शामिल बैंक अधिकारियों में से सेवानिवृत्त एक मुख्य प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा दो अन्य फरार हैं।