लॉकडाउन के बीच आज से 2 दिन बाद आधे दर्जन सरकारी बैंक खो देंगे अपना नाम व पहचान, जानें इनके ग्राहकों का क्या होगा

By अनुराग आनंद | Published: March 29, 2020 03:09 PM2020-03-29T15:09:52+5:302020-03-29T15:09:52+5:30

1 अप्रैल, 2017 से पहले देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 हुआ करती थी। भारतीय स्टेट बैंक में 6 सहायक बैंकों के साथ विलय की इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी।

Between 2 days from today between lockdown, 6 government banks will lose their name and identity, know what will happen to the customers of these banks | लॉकडाउन के बीच आज से 2 दिन बाद आधे दर्जन सरकारी बैंक खो देंगे अपना नाम व पहचान, जानें इनके ग्राहकों का क्या होगा

बैंकों का विलय

Highlightsइससे पहले 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था।भारत सरकार ने 10 बैंकों को मिलाकर 4 करने का फैसला किया है।

नई दिल्ली:  कोरोना वायरस की महामारी के बीच देश भर में लॉकडाउन जारी है। इसी लॉकडाउन के बीच देश में 1 अप्रैल को 6 सरकारी बैंक नाम व पहचान को खो देंगे।  देश में अब सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 हो जाएगी, जो तीन साल पहले 27 हुआ करती थीं। दरअसल, देश की नरेंद्र मोदी  सरकार ने 10 बैंकों को मिलाकर 4 करने का फैसला किया है। इसके बाद ही यह नया आंकड़ा सामने आएगा। 

जानें किस बैंक में किसका विलय होगा-
कैनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक मिलकर एक हो जाएंगे, इसके अलावा इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में हो रहा है। दिग्गज सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ का विलय हो रहा है।

इसके अलावा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होना है। बीते तीन सालों में सरकारी बैंकों का आपस में तेजी से विलय हुआ है। 1 अप्रैल, 2017 से पहले देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 हुआ करती थी। भारतीय स्टेट बैंक में 6 सहायक बैंकों के साथ विलय की इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था। फिर आईडीबीआई बैंक को जनवरी 2019 में निजी बैंक घोषित कर दिया गया।

लॉकडाउन के कारण इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के प्रस्ताविक विलय में देरी हो सकती है
हलांकि, इंडिया टुडे रिपोर्ट की मानें तो कोरोनावायरस के कारण देश में चल रहे 21 दिन के लॉकडाउन के कारण इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के प्रस्ताविक विलय में देरी हो सकती है। यह जानकारी शनिवार को इलाहाबाद बैंक के एक अधिकारी ने दी है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि प्रस्ताविक विलय के लिए निर्धारित तारीख 1 अप्रैल से बेसिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन की शुरुआत हो सकती है।

अधिकारी ने बताया कि लंबी अवधि के लॉकडाउन के कारण दोनों बैंकों के विलय की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है। लेकिन कैश डिपॉजिट, कैश की निकासी और मनी ट्रांसफर जैसी सेवाएं 1 अप्रैल से शुरू हो सकती है। विलय समझौते के तहत इंडियन बैंक के 115 शेयर के बदले इलाहाबाद बैंक के 1000 शेयर स्वैप किए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्तावित विलय के बाद इलाहाबाद बैंक अपने आईकॉनिक हेड ऑफिस को खाली कर देगा और नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगा।

अधिकारियों की मानें तो नए लोगो में इलाहाबाद नाम को इंडियन बैंक के ठीक नीचे रखा जाएगा। अधिकारी ने बताया कि विलय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 3 से 6 महीने के भीतर हेड ऑफिस को खाली कर दिया जाएगा। 

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