बैंक न्यायालय के फैसले के बाद प्रवर्तकों की व्यक्तिगत गारंटी भुनाने की संभवना पर कर रहे विचार

By भाषा | Updated: July 12, 2021 20:37 IST2021-07-12T20:37:18+5:302021-07-12T20:37:18+5:30

Banks are considering the possibility of encashment of personal guarantee of promoters after the decision of the court | बैंक न्यायालय के फैसले के बाद प्रवर्तकों की व्यक्तिगत गारंटी भुनाने की संभवना पर कर रहे विचार

बैंक न्यायालय के फैसले के बाद प्रवर्तकों की व्यक्तिगत गारंटी भुनाने की संभवना पर कर रहे विचार

नयी दिल्ली, 12 जुलाई उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बैंक वेणुगोपाल धूत और कपिल वधावन जैसे प्रवर्तकों के निजी गारंटी को भुनाने पर गौर कर सकते हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने कंपनियों को दिये गये कर्ज के एवज में व्यक्तिगत गारंटी दी थी और बाद में वे कंपनियां ऋण नहीं लौटा सकी।

एक अनुमान के अनुसार 10 प्रमुख लोगों ने 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गारंटी दे रखी है। इसमें कुछ प्रमुख नामों में भूषण स्टील एंड पावर के प्रवर्तकों संजय सिंघल और उनकी पत्नी आरती सिंघल भी शामिल हैं। इन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले समूह से कर्ज को लेकर 24,550 करोड़ रुपये तक की व्यक्तिगत गारंटी दे रखी है।

रिलायंस कम्युनिकेशंस के पूर्व प्रवर्तक अनिल अंबानी ने भी कर्ज के एवज में निजी गारंटी दे रखी है। पूर्व प्रवर्तक वधावन ने डीएचएफएल के कर्ज को लेकर गारंटी दी हुई है। डीएचएफएल के ऊपर लगभग 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं धूत ने वीडियोकॉन को दिये गये 22,000 करोड़ रुपये के ऋण को लेकर गारंटी दे रखी है।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मई में 15 नवंबर, 2019 को जारी सरकारी अधिसूचना को वैध ठहराया था। अधिसूचना में कर्जदाताओं सामान्य तौर पर वित्तीय संस्थान और बैंकों को ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज को लेकर व्यक्तिगत गारंटी देने वालों के खिलाफ कदम उठाने को कहा गया था।

न्यायालय के फैसले के बाद, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक उन निदेशकों के मामले में शामिल होने के स्तर का आकलन कर रहे हैं जिन्होंने ऋण को लेकर व्यक्तिगत गारंटी दी थी।

मूल्यांकन के बाद, एक अन्य बैंक अधिकारी ने कहा, बैंक वसूली प्रक्रिया के तहत व्यक्तिगत गारंटी को भुनाने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में जाएंगे।

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Web Title: Banks are considering the possibility of encashment of personal guarantee of promoters after the decision of the court

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