एनपीए आंकड़े बदलने के बाद बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक का 2018-19 का घाटा बढ़ा

By भाषा | Published: November 17, 2019 11:11 PM2019-11-17T23:11:45+5:302019-11-17T23:11:45+5:30

चेन्नई मुख्यालय वाले इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) द्वारा भेजी गई नियामकीय सूचना के मुताबिक उसके 2018-19 के लिये पहले बताये गये गैर- निष्पादित संपत्ति (एनपीए) आंकड़ों में 358 करोड़ रुपये का अंतर आया है जिसकी वजह से ऐसे फंसे कर्ज के लिये किया गया प्रावधान 2,208 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

Bank of India, Indian Overseas Bank's 2018-19 loss widens after changing NPA figures | एनपीए आंकड़े बदलने के बाद बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक का 2018-19 का घाटा बढ़ा

एनपीए आंकड़े बदलने के बाद बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक का 2018-19 का घाटा बढ़ा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने पिछले वित्त वर्ष के अपने फंसे कर्ज के बदलने की जानकारी दी है जिससे वर्ष 2018-19 में उनका शुद्ध घाटा और बढ़ गया। एनपीए आंकड़ों में यह बदलाव रिजर्व बैंक की जोखिम आकलन रिपोर्ट आने के बाद आया है।

चेन्नई मुख्यालय वाले इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) द्वारा भेजी गई नियामकीय सूचना के मुताबिक उसके 2018-19 के लिये पहले बताये गये गैर- निष्पादित संपत्ति (एनपीए) आंकड़ों में 358 करोड़ रुपये का अंतर आया है जिसकी वजह से ऐसे फंसे कर्ज के लिये किया गया प्रावधान 2,208 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ने एनपीए प्रावधान में बदलाव होने के बाद मार्च 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिये अपने घाटे को 5,999.88 करोड़ रुपये पर समायोजित किया है।

इससे पहले बैंक ने वर्ष के लिये 3,737.88 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था। बैंकों को रिजर्व बैंक की जोखिम आकलन रिपोर्ट के मुताबिक अपने संपत्ति वर्गीकरण और एनपीए के लिये प्रावधान के मामले में कुछ शर्तों के साथ जानकारी देनी होती है। जोखिम आकलन रिपोर्ट में बैंक द्वारा पहले बताये गये आंकड़े और बाद में नियामक द्वारा किये गये आकलन का अंतर सामने आता है।

दूसरी तरफ बैंक ऑफ इंडिया का 2018-19 का एनपीए 329 करोड़ रुपये कम हो गया। बैंक ने जितना एनपीए बताया वह रिजर्व बैंक की आकलन रिपोर्ट से अधिक था। लेकिन इसके बावजूद बैंक का वर्ष के लिये शुद्ध घाटा बैंक द्वारा पहले जारी किये गये 5,546.90 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,992.90 करोड़ रुपये हो गया।

प्रावधान आवश्यकता में भिन्नता आने की वजह से ऐसा हुआ। बैंक ऑफ इंडिया ने नियामकीय सूचना में कहा कि वर्ष के एनपीए के एवज में किये जाने वाले प्रावधान के मामले में 1,446 करोड़ रुपये की भिन्नता आई है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इस महीने की शुरुआत में खुलासा नियमों को और सख्त किया है।

उसने सभी सूचीबद्ध बैंकों से कहा कि रिजर्व बैंक की आकलन रिपार्ट में उनके फंसे कर्ज के आंकड़ों में किसी भी तरह का बदलाव सामने आने पर वह वित्तीय वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी देने के बजाय रिपोर्ट आने के 24 घंटे के भीतर इसकी जानकारी सार्वजनिक करें। इससे पहले इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और लक्ष्मी विलास बैंक पहले ही पिछले वित्त वर्ष के उनके एनपीए के आंकड़ों में बदलाव आने की जानकारी दे चुके हैं। 

Web Title: Bank of India, Indian Overseas Bank's 2018-19 loss widens after changing NPA figures

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