जेट के कर्मचारियों का प्रदर्शन, सरकार से कंपनी को वित्तीय मदद देने की अपील
By भाषा | Published: April 23, 2019 04:24 AM2019-04-23T04:24:32+5:302019-04-23T04:24:32+5:30
कर्जदाताओं से आपात मदद नहीं मिलने के बाद जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अस्थायी रूप से परिचालन रोकने की घोषणा की थी जिससे कंपनी के 23,000 कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
आर्थिक रूप से संकटों का सामना कर रही जेट एयरवेज के करीब 100 कर्मचारियों ने यहां प्रदर्शन करते हुए सरकार से हस्तक्षेप करने और विमानन कंपनी को वित्तीय मदद देने का अनुरोध किया।
कर्जदाताओं से आपात मदद नहीं मिलने के बाद जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अस्थायी रूप से परिचालन रोकने की घोषणा की थी जिससे कंपनी के 23,000 कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
हाथों में तख्तियां लिए कर्मचारी नारे लगा रहे थे। इन तख्तियों पर लिखा था, ‘हमारे परिवार को बचाइए, जेट एयरवेज को बचाइए’, ‘हमें मत रूलाइए, उड़ने का एक मौका दो’, ‘हमको तुम ना धोखा दो, उड़ने का एक मौका दो’। जेट एयरवेज के इंजीनियर मिलिंद पराडकर ने जेट एयरवेज को आर्थिक मदद करने की अपील की।
कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है और वह किसी तरह परिवार की जरूरतों की पूर्ति कर पा रहे हैं।
नकदी संकट से जूझ रही पूर्णकालिक विमान सेवायें देने वाली निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने आखिरकार बुधवार को अपने विमान सेवा परिचालन को अस्थाई तौर पर रोकने की घोषणा कर दी। बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता उपलब्ध कराने से इनकार कर दिये जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की है।
जेट एयरवेज के परिचालन बंद करने के फैसले से जहां यात्रियों, एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंस गया है वहीं उसके 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है।
एयरलाइन पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है जिसके चलते वह कर्ज संकट में फंसती चली गई। करीब ढाई दशक तक लोगों को विमान सेवायें देने वाली एयरलाइन ने कहा था कि बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिये उसकी आखिरी उड़ान होगी।
इसके बाद उसकी विमान सेवायें अस्थाई तौर पर बंद रहेंगी। नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा। इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों में घाटा उठाना पड़ा इसके बाद वह कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी। पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया।