एयरबस हेलीकॉप्टर्स को उम्मीद, केंद्र सरकार पवन हंस के विनिवेश का मामला सुलझाएगी जल्द
By भाषा | Published: October 14, 2019 05:01 AM2019-10-14T05:01:49+5:302019-10-14T05:01:49+5:30
एयरबस के भारतीय और दक्षिण एशिया परिचालन के हेलीकॉप्टर कारोबार प्रमुख आशीष सर्राफ ने कहा कि पवन हंस राष्ट्रीय हेलीकॉप्टर सेवाप्रदाता है। उसके पास बड़े पैमाने पर हेलीकाप्टर का अधिग्रहण करने की क्षमता है।
एयरबस हेलीकॉप्टर्स को उम्मीद है कि केंद्र सरकार पवन हंस लिमिटेड के विनिवेश से जुड़े मुद्दे का जल्द समाधान कर लेगी। इससे राष्ट्रीय हेलीकॉप्टर कंपनी अपनी बेड़ा विस्तार की योजना पर आगे बढ़ सकेगी। वैश्विक हेलीकॉप्टर विनिर्माता कंपनी के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने यह बात कही। एयरबस हेलीकॉप्टर्स ने जून में पवन हंस के साथ पेरिस में एक सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत पवन हंस भविष्य में एयरबस से एच-145 और एच-225 की दो नयी श्रेणियों के हेलीकॉप्टर की खरीद करेगी।
एयरबस के भारतीय और दक्षिण एशिया परिचालन के हेलीकॉप्टर कारोबार प्रमुख आशीष सर्राफ ने कहा कि पवन हंस राष्ट्रीय हेलीकॉप्टर सेवाप्रदाता है। उसके पास बड़े पैमाने पर हेलीकाप्टर का अधिग्रहण करने की क्षमता है। मौजूदा समय में विनिवेश पर बातचीत के चलते कंपनी ने अपनी विस्तार योजना को रोका हुआ है।
कंपनी को उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द समाधान कर लेगी ताकि पवन हंस अपना विस्तार कर सके। विनिवेश की प्रक्रिया शुरू होने के चलते पवन हंस ने अपनी विस्तार योजना को टाल दिया है। हालांकि 11 जुलाई को केंद्र सरकार ने पवन हंस लिमिटेड में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापन जारी किया है।
हालांकि, यह ज्ञापन जारी करने के बाद से सरकार इच्छुक कंपनियों से रूचि पत्र जमा करने की तारीख को तीन बार विस्तार दे चुकी है। आखिरी बार सरकार ने 25 सितंबर को इसकी तारीख बढ़ाकर 10 अक्टूबर कर दी। पवन हंस में सरकार की 51 और ओएनजीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी के बेड़े में 43 हेलीकॉप्टर हैं। कंपनी के पास पुराने डाफिन हेलीकाप्टर हैं। पवंन हंस के साथ साथ एयरबस हेलीकाप्टर्स भी इस मुद्दे पर विचार कर रही है कि कैसे पुराने बेड़े के हेलाकाप्टरों के स्थान पर नई पीढ़ी के हेलीकाप्टर शामिल किये जायें।