Agriculture Census: 11वीं कृषि जनगणना शुरू, स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल, जानें आंकड़े में क्या-क्या होंगे शामिल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 28, 2022 07:54 PM2022-07-28T19:54:05+5:302022-07-28T19:55:18+5:30

Agriculture Census: डिजिटल भूमि रिकॉर्ड और डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप के उपयोग से देश में परिचालन वाले जोतों का एक डेटाबेस तैयार किया जा सकेगा।

Agriculture Census 11th starte use smartphones and tablets Agriculture Minister Narendra Singh Tomar Says digital | Agriculture Census: 11वीं कृषि जनगणना शुरू, स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल, जानें आंकड़े में क्या-क्या होंगे शामिल

कृषि जनगणना विभिन्न मापदंडों के बारे में जानकारी का मुख्य स्रोत है।

Highlightsदेश तेजी से डिजिटल कृषि की ओर बढ़ रहा है।11वीं कृषि जनगणना (2021-22) का जमीनी काम अगस्त, 2022 में शुरू होगा।जनगणना का दसवां संस्करण संदर्भ वर्ष 2015-16 के साथ आयोजित किया गया था।

नई दिल्लीः सरकार ने बृहस्पतिवार को 11वीं कृषि जनगणना शुरू की। इसके तहत खेती के लिए इस्तेमाल हो रही कृषि भूमि सहित विभिन्न अन्य मानकों पर आंकड़े जुटाए जाएंगे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि जनगणना का शुभारंभ किया। खास बात यह है कि पहली बार कृषि जनगणना में आंकड़ों के संग्रहण में स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल किया जाएगा।

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 11वीं कृषि जनगणना (2021-22) का जमीनी काम अगस्त, 2022 में शुरू होगा। इसमें कहा गया है, ‘‘कृषि जनगणना हर पांच साल में की जाती है, जो अब कोरोना महामारी के कारण देरी से की जा रही है।’’ मंत्रालय वर्ष 1970-71 से कृषि जनगणना योजना लागू कर रहा है।

जनगणना का दसवां संस्करण संदर्भ वर्ष 2015-16 के साथ आयोजित किया गया था। कृषि जनगणना विभिन्न मापदंडों के बारे में जानकारी का मुख्य स्रोत है। इसमें खेती के इस्तेमाल वाले जोतों की संख्या और क्षेत्र, उनका आकार, वर्गवार वितरण, भूमि उपयोग, किरायेदारी और फसल पद्धति आदि को शामिल किया जाता है।

मंत्रालय ने कहा कि यह पहली बार है कि कृषि जनगणना के लिए डेटा (आंकड़े) संग्रह स्मार्टफोन और टैबलेट पर किया जाएगा ताकि ये आंकड़े समय पर उपलब्ध हो सके। अधिकांश राज्यों ने अपने भूमि अभिलेखों और सर्वेक्षणों को डिजिटल स्वरूप दे दिया है, जिससे कृषि जनगणना के आंकड़ों के संग्रह में और तेजी आएगी।

बयान में कहा गया है, ‘‘डिजिटल भूमि रिकॉर्ड और डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप के उपयोग से देश में परिचालन वाले जोतों का एक डेटाबेस तैयार किया जा सकेगा।’’ तोमर ने कहा कि इस गणना से भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश में भारी लाभ होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, उनके (किसानों के) जीवनस्तर को बदलने, छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें संगठित करने, लाभकारी फसलों की ओर आकर्षित करने और वैश्विक मानकों के अनुरूप उपज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।’’ तोमर ने कहा कि देश तेजी से डिजिटल कृषि की ओर बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह इस गणना के काम में प्रौद्योगिकी का पूर्ण उपयोग करने का समय है। उन्होंने कहा कि कृषि जनगणना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में सोचा जाना चाहिए। कृषि गणना फसलों के मानचित्रण में भी योगदान दे सकती है ताकि देश को इसका लाभ मिल सके।’’

तोमर ने केंद्रीय विभागों, राज्य सरकारों और संबंधित संस्थानों से इस जनगणना को पूरे समर्पण के साथ करने को कहा। इस अवसर पर मंत्री ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के उपयोग के लिए ‘जनगणना के लिए संचालन संबंधी दिशानिर्देशों पर हैंडबुक' का विमोचन किया और 'डेटा संग्रह पोर्टल/ऐप' पेश किया।

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