कृषि कानून: सिंधू बॉर्डर के पास स्थानीय लोगों, व्यापारियों ने ली राहत की सांस

By भाषा | Updated: November 19, 2021 21:05 IST2021-11-19T21:05:36+5:302021-11-19T21:05:36+5:30

Agricultural law: Local people, traders breathed a sigh of relief near Sindhu border | कृषि कानून: सिंधू बॉर्डर के पास स्थानीय लोगों, व्यापारियों ने ली राहत की सांस

कृषि कानून: सिंधू बॉर्डर के पास स्थानीय लोगों, व्यापारियों ने ली राहत की सांस

नयी दिल्ली, 19 नवंबर सिंधू बॉर्डर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने शुक्रवार को सरकार द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद राहत की सांस ली।

एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा सड़क जाम किए जाने के कारण वे प्रभावित हुए हैं।

विभिन्न किसान संघों के तत्वावधान में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा।

सिंधू बार्डर पर निर्माण कार्य संबंधी दुकान चलाने वाले संदीप लोचन ने बताया कि कारोबार 10 प्रतिशत तक गिर गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले कोरोना वायरस ने कारोबार को प्रभावित किया। पिछले एक साल से, किसानों के विरोध के कारण मेरे व्यवसाय को और नुकसान हुआ है। पहले के मुकाबले व्यापार 10 प्रतिशत तक गिर गया है। कारोबार को पटरी पर आने में लगभग छह महीने से एक साल तक का समय लगेगा।’’

सिंधू बॉर्डर के पास खटकड़ गांव के जयपाल शर्मा ने कहा कि अंदरूनी इलाकों में यातायात बढ़ने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

दिल्ली परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारी शर्मा ने कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद, हमें उम्मीद है कि हमारा जीवन जल्द ही पटरी पर आ जाएगा।

सीमा के पास कई दुकानें बंद हैं, उनके शटर पर धूल की मोटी परत जम गई है।

कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के तुरंत बाद सिंधू बॉर्डर के विरोध स्थल पर जश्न शुरू हो गया, लेकिन कुछ किसानों ने कहा कि संसद द्वारा विधेयकों को रद्द करने और सरकार के उनकी अन्य मांगों को मानने तक आंदोलन जारी रहेगा।

सिंधू बॉर्डर के पास बाइक स्पेयर पार्ट की दुकान चलाने वाले अमित गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपनी दुकान की जगह बदलने के बारे में भी सोचा था। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान दो महीने तक पूरी तरह बंद रही।

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Web Title: Agricultural law: Local people, traders breathed a sigh of relief near Sindhu border

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