Adani-Hindenburg Verdict: सेबी को तीन माह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश, SIT जांच की जरूरत नहीं, अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 3, 2024 11:31 AM2024-01-03T11:31:40+5:302024-01-03T12:25:52+5:30
Adani-Hindenburg: अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शेष दो मामलों में सेबी को तीन माह के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया।
Adani-Hindenburg: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में 2 लंबित मामलों की जांच 3 महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया। सरकार और SEBI अदालत द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई सिफारिशों पर कार्य करने पर विचार करेंगे।
Supreme Court directs SEBI to complete its probe of two pending cases out of 24 in the Adani-Hindenburg issue within 3 months.
— ANI (@ANI) January 3, 2024
Government and SEBI to consider acting on recommendations made by the court-appointed panel
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और SEBI को नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में SIT जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया। अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच विशेष जांच दल या अन्य एजेंसियों को सौंपी जानी चाहिए।
Supreme Court tells the Central government and SEBI to consider the recommendation of an expert committee to strengthen the regulatory framework.
— ANI (@ANI) January 3, 2024
Supreme Court declines to order SIT probe in Adani-Hindenburg issue.
उच्चतम न्यायालय ने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों से जुड़े दो लंबित मामलों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपनी जांच तीन माह के भीतर पूरी के निर्देश बुधवार को दिए। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह सेबी की जांच करने की शक्ति को नियंत्रित नहीं कर सकती।
पीठ ने साथ ही कहा कि सेबी ने अडाणी समूह पर आरोपों से जुड़े 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है। उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच का जिम्मा विशेष जांच दल या अन्य एजेंसियों को सौंपा जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया जिनमें आरोप लगाया गया था कि अडाणी समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी की गई है। प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमन क्षेत्र में शीर्ष अदालत की शक्ति सीमित है।
ये जनहित याचिकाएं वकील विशाल तिवारी, एम एल शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जायसवाल ने दाखिल की थीं और अदालत ने इन पर फैसला पिछले वर्ष 24 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था। अडाणी समूह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों का पालन करता है।
Adani-Hindenburg: The Supreme Court says the power of this court to enter the regulatory framework of SEBI is limited pic.twitter.com/923aAVfVjG
— ANI (@ANI) January 3, 2024