अडानी समूह ने ओसीसीआरपी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, 'उनका इरादा अडानी समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 31, 2023 11:50 AM2023-08-31T11:50:49+5:302023-08-31T11:55:47+5:30

अडानी समूह ने जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) द्वारा समूह पर "अपारदर्शी" तरीके से मॉरीशस फंड के उपयोग करने के लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

Adani Group rejects OCCRP report, says 'their intention is to tarnish the reputation of Adani Group' | अडानी समूह ने ओसीसीआरपी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, 'उनका इरादा अडानी समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है'

फाइल फोटो

Highlightsअडानी समूह ने जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को खारिज किया समूह ने कहा कि सारे आरोप सीधे तौर पर जॉर्ज सोरोस से जुड़े हितों से जोड़कर आयोजित किये गये हैंविदेशी मीडिया के एक वर्ग समर्थित समूह द्वारा हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने का प्रयास है

नई दिल्ली: अडानी समूह ने जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) द्वारा समूह पर "अपारदर्शी" तरीके से मॉरीशस फंड के उपयोग करने के लगाये गये सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

अडानी समूह ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि ओसीसीआरपी द्वारा समूह लगाये गये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और इसे सीधे तौर पर जॉर्ज सोरोस से जुड़े हितों से जोड़कर आयोजित किया गया था। विदेशी मीडिया के एक वर्ग समर्थित समूह द्वारा हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने और अडानी समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से ऐसा किया गया है।

ओसीसीआरपी के आरोपों पर जारी किये गये बयान में कहा गया है, "हम इन बार-बार लगाये जा रहे आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं। ये समाचार रिपोर्टें सोरोस के वित्त पोषित हितों द्वारा विदेशी मीडिया के वर्ग विशेष द्वारा उठाया जा रहा है। वास्तव में यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए एक प्रयास हैं। जिसे अडानी समूह खारिज करता है।"

ओसीसीआरपी की रिपोर्ट में अडानी समूह पर आरोप लगाया गया है कि समूह ने दो विदेशी निवेशकों के जरिए अंदरूनी कारोबार किया और गलत तरीके से व्यावसायिक कार्य किया गया।

ओसीसीआरपी रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह ने "अपारदर्शी" तरीके से मॉरीशस फंड के माध्यम से सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले शेयरों में निवेश करने के लिए फंसाया, जिसमें अडानी परिवार के कथित व्यापारिक सहयोगियों की अस्पष्ट भागीदारी थी।

समूह ने ओसीसीआरपी के सभी आरोपों को बेहद दृढ़ता से खंडन किया है। इस मामले में एक और दिलचस्प तथ्य है कि उन्हीं आरोप पर एक दशक पहले भी अडानी समूह पर आरोप लगे ते, जिनकी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा गहन जांच की गई थी।

आरोपों पर अडानी समूह ने विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए कहा, "ये दावे एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ओवर-इनवॉइसिंग, विदेश में धन के हस्तांतरण, संबंधित पार्टी लेनदेन और एफपीआई के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकरण और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि समूह का कोई अधिक मूल्यांकन नहीं हुआ था और सारे निवेश लेनदेन से संबंधित लागू कानून के अनुसार थे।"

कथित निवेशकों की संलिप्तता क बारे में समूह ने बताया कि ये विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पहले से ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जांच के दायरे में थी। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय और सेबी की ओर से चल रही नियामक प्रक्रिया का सम्मान करते हुए समूह मामलों की निगरानी कर रहा है।

Web Title: Adani Group rejects OCCRP report, says 'their intention is to tarnish the reputation of Adani Group'

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