साल 2019 के बाद से भारत में कॉल सेंटर, रिमोट कस्टमर सर्विस जॉब्स की मांग में देखी गई 400 फीसदी की वृद्धि, शहरों में बेंगलुरु सबसे आगे-रिपोर्ट
By आजाद खान | Published: March 11, 2023 09:00 AM2023-03-11T09:00:23+5:302023-03-11T09:39:23+5:30
रिपोर्ट की अगर माने तो कोरोना काल से वर्क-फ्रॉम-होम जैसे काम करने के मॉडल को नौकरी करने वालों ने महत्व दिया है। भारत में कॉल सेंटर और रिमोट कस्टमर सर्विस जॉब्स की मांग में बढ़ोतरी के पीछे वर्क-फ्रॉम-होम मॉडल को भी कारण माना जा रहा है।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के बाद से भारत में कॉल सेंटर और रिमोट कस्टमर सर्विस जॉब्स में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है और नौकरी खोजने वालों में यह वृद्धि 400 फीसदी देखी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नौकरी चाहने वालों में पूरे भारत में बेंगलुरु के लोग सबसे आगे है और यह शहर सबसे टॉप पर है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा इसलिए भी हुआ होगा क्योंकि कोरोना महामारी आने के बाद वर्क-फ्रॉम-होम एक प्रमुख काम करने का मॉडल बन गया था। हालांकि कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद पिछले एक साल में नौकरियों के लिए सोशल साइटों पर जॉब पोस्टिंग में बढ़ोतरी देखी गई है साथ में काम ढूंढ़ने वालों में नौकरी को लेकर दिलचस्पी देखा गया है।
क्या है दावा
जॉब साइट इनडीड के अनुसार, एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि भारत में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 के दौरान कॉल सेंटर और रिमोट कस्टमर सर्विस जॉब्स की मांग में बड़ी उछाल देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कंपनियों द्वारा इस तरह के जॉब्स में 498.40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, साथ ही जो लोग नौकरी खोज रहे है वहां भी बढ़ोतरी देखी गई है।
शहरों में बेंगलुरु सबसे आगे
आपको बता दें कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में कॉल सेंटर और रिमोट कस्टमर सर्विस जॉब्स की जिस शहर में ज्यादा मांग है वह शहर बेंगलुरु है। आंकड़ों के अनुसार, इस सेक्टर के जॉब्स में बेंगलुरु 19.14 प्रतिशत, इसके बाद दिल्ली (9.33 प्रतिशत), मुंबई (9.11 प्रतिशत), चेन्नई (8.33 प्रतिशत) और हैदराबाद (6.31 प्रतिशत) का योगदान देता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस तरह के काम में बढ़ती हुई मांग के पीछे वर्क-फ्रॉम-होम मॉडल भी योगदान है जिससे इस तरीके के जॉब्स में बढ़ोतरी देखी गई है। बता दें कि भारत में जब से कोरोना के बाद कंपनियां खुलना शुरू हुई है तब से पिछले साल से यह देखा गया है कि सोशल जॉब्स साइट पर कंपनियों द्वारा नौकरी को पोस्टिंग और काम करने वालों की दिलचस्पी में मामूली गिरावट देखी गई है।