जीरो मूवी मीडिया रिव्यू: यहां जानिए कैसी है फिल्म और किसने दिया शाहरुख खान की मूवी को कितना स्टार
By मेघना वर्मा | Published: December 21, 2018 09:24 AM2018-12-21T09:24:15+5:302018-12-21T09:24:15+5:30
ZERO Movie Review By Media (जीरो मूवी मीडिया रिव्यू): मेरठ से अमेरिका तक का सफर प्यार और कई सारे रोमांच आपमें पैदा कर देगा। मगर फिल्म कहीं ना कहीं राइटिंग के साथ जस्टिस नहीं कर पाती।
फिल्म - जीरो
निर्देशक - आनंद एल राय
कलाकार - शाहरुख खान, कटरीना कैफ, अनुष्का शर्मा, जीशान अयूब और तिग्मांशु धूलिया।
क्रिसमस और नए साल के मौके पर किंग खान अपने चाहने वालों के लिए तोहफे के रूप में लेकर आए हैं फिल्म जीरो। आज यानी 21 दिसंबर को ये फिल्म देशभर में रिलीज हो गई है। शाहरुख खान के इस बौने किरदार की चर्चा उसी समय से शुरू हो गई थी जिस समय इसका ट्रेलर लॉन्च किया गया था। लोग अपने चहेते रोमांटिक किंग को इस नए अवतार में देंखने के लिए उतावले हो रहे थे। खैर शाहरुख खान की ये फिल्म दर्शकों की इसी उम्मीद पर पानी फेरती दिखाई देती है। कम से कम मीडिया हाउसेस के रिव्यू पढ़कर तो कुछ ऐसा ही लगता है। अगर आप भी फिल्म देखने की सोच रहे हैं तो उससे पहले यहां फिल्म जीरो का रिव्यू।
ये है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी है मेरठ में रहने वाले बउआ सिंह यानी शाहरुख खान की। बउआ अपने बौने होने का पूरा इल्जाम अपने पिता यानी तिगमांशू धूलिया पर गढ़ता है। जिस लड़की आफिया यानी अनुष्का शर्मा के ऊफर उसका दिल आता है वह 6 लाख रुपये सिर्फ एक होटल में गाना गाने के ऊपर खर्च कर देता है। अपने सपनों के पीछे भागते हुए एन शादी के दिन बउआ मुंबई भाग जाता है। जहां उसकी मुलाकात सुपरस्टार बबीत कुमारी यानी कैटरीना कैफ से होती है।
अब साल भर बाद जब बउआ को इस बात अफसोस होता है कि उसने आफिया के साथ अच्छा नहीं किया तो वो अमेरिका चला जाता है आफिया से माफी मांगने। यहां जाने के बाद बउआ को पता चलता है कि उसकी आफिया से एक बच्ची भी है। फिल्म में ना कहीं इस लड़की के भविष्य का जिक्र है और ना ही क्लाइमेक्स खास है। बस कहानी 15 साल आगे छलांग लगाती है और खत्म हो जाती है।
इंडियन एक्सप्रेस ने दिया एक स्टार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक समस्या ये नहीं है कि इस फिल्म में शाहरुख बौने बने हैं समस्या ये है कि फिल्म मेकर्स को पता ही नहीं है कि इस किरदार से करवाना क्या है। इसमें कोई शक नहीं कि शाहरुख की एक्टिंग लाजवाब है मगर पर्दे पर ऐसी कोई चीज नहीं जो आपको लॉजिकल लगे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक फिल्म के सारे ही कैरेक्टर्स अपने में ही खोए हुए दिखते हैं। किसी का किसी से कोई कनेक्शन बनते नहीं दिखता। इंडियन एक्सप्रेस ने फिल्म को एक स्टार दिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कॉन्सेप्ट अच्छा
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो फिल्म का कॉन्सेप्ट बहुत ही अच्छा है। जिसे ट्रीट भी काफी अच्छी तरह से किया गया है। मेरठ से अमेरिका तक का सफर प्यार और कई सारे रोमांच आपमें पैदा कर देगा। मगर फिल्म कहीं ना कहीं राइटिंग के साथ जस्टिस नहीं कर पाती। टाइम्स ऑफ इंडिया ने डायरेक्शन को कमजोर बताया है। जैसे कुछ एक रोमांटिक सीन आपका दिल जीत लेते हैं वहीं कुछ सीन बहुत फेक से भी लगते हैं। कुल मिलाकर टीओआई ने पांच में से तीन स्टार फिल्म को दिए हैं।
इंडिया टुडे ने कहा साउंड स्कोर अच्छा
वहीं इंडिया टुडे की बात करें तो रिपोर्ट कहती है कि फिल्म में एक बौने की तकलीफ और जिंदगी की कहानी को बखूबी दर्शाया गया है। इंडिया टुडे के मुताबिक फिल्म को एक बार देखा जा सकता है। लव ट्राइंगल का रूप में ये फिल्म अच्छा है। फिल्म के गाने और साउंड स्कोर भी परफेक्ट बताया गया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने कहा दिल छू लेने वाली स्टोरी
वहीं हिन्दुस्तान टाइम्स ने इसे दिल छू लेने वाली स्टोरी बताई है। एचटी ने तीनों ही कलाकारों की एक्टिंग को दिल छू लेने वाला बताया है। फिल्म के डायलॉग्स काफी दमदार हैं। मगर स्क्रिप्ट कमजोर है। खासकर सेंकेड हाफ बेहद सुस्त है। फर्स्ट हॉफ से बने इमोशनल कनेक्ट को आप सेंकेड हाफ में नहीं देख पाएंगे।