दर्शकों का रिएक्शन जानने सिनेमाहॉल पहुंचे थे अभिषेक, फिल्म देख लौटी महिला ने थप्पड़ जड़ते हुए कही ये बात
By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 28, 2018 02:10 PM2018-09-28T14:10:28+5:302018-09-28T14:10:28+5:30
अपनी फिल्म के प्रमोशन में पहली बार अभिषेक ने नेपोटिज्म, सेलिब्रेटी चाइल्ड जैसे विषयों पर खुलकर और जमकर बातें की थीं।
मुंबई, 28 सितंबरः अनुराग कश्यप निर्देशित 'मनमर्जियां' में अभिषेक बच्चने ने दो साल बाद सिनेस्क्रीन पर वापसी की। इसके प्रमोशन में पहली बार अभिषेक ने नेपोटिज्म, सेलिब्रेटी चाइल्ड जैसे विषयों पर खुलकर और जमकर बातें की। हालांकि इसमें उन्होंने ज्यादातर उन किस्सों को जगजाहिर किया, जिसमें उन्हें बड़े बाप की औलाद होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कई मर्तबे यह कहा कि अगर सिनेमा जगत की बड़ी हस्ती का बेटा होने का फायदा मिलता होता तो उनकी लगतार सात फिल्में फ्लॉप नहीं होती हैं। उसी दौर का एक और किस्सा अभिषेक साझा किया है जिसने अभिषेक को अंदर तक हिला दिया था।
अभिषेक ने साल 2000 से 'रिफ्यूजी' से सिनेमा जगत में कदम रखा था। साल 2002 में उनकी एक फिल्म आई 'शरारत'। मारे उत्साह के अभिषेक फिल्म पर लोगों का रिएक्शन जानने चले गए। फर्स्टपोस्ट की एक खबर के अनुसार वह मुंबई का ही एक सिनेमाहॉल था। अभिषेक शो खत्म होने के समय जाकर सिनेमाहॉल के गेट पर खड़े हो गए। उसी दौरान कुछ लोग आए उन्होंने अभिषेक को मिली जुली प्रतिक्रिया दी। लेकिन तभी एक महिला आई। उन्होंने फिल्म पर ऐसी प्रतिक्रिया दी जिसके बारे में अभिषेक बच्चन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
अभिषेक के अनुसार एक महिला फिल्म देखकर आई और सिनेमाहॉल के गेट पर खड़े अभिषेक बच्चन को सबसे सामने एक थप्पड़ जड़ दिया। इतना ही नहीं उसने थप्पड़ जड़ने के बाद अभिषेक को उनकी एक्टिंग को लेकर लताड़ भी लगाई। उसने कहा, 'तुम आपने परिवार का, बच्चन साब का नाम बदनाम कर रहे हो। एक्टिंग छोड़ दो।'
इस वाकये के बाद अभिषेक बच्चन को करारा झटका लगा। वह अंदर तक हिल गए। वाकये के बाद अभिषेक वहां तो एक मिनट नहीं ठहर पाए। लेकिन घर जाने के बाद और कई दिनों तक उस महिला का थप्पड़ और उसकी टिप्पणी अभिषेक को सताती रही। इसके बाद से 2002 और 2003 में आई अभिषेक की करीब सात फिल्में एक के बाद एक फ्लॉप होती गईं। इससे अभिषेक की चिंता बढ़ती चली गई। लेकिन बाद में उन्होंने खुद को रन, धूम, बंटी और बबली, सरकार और गुरू जैसी फिल्मों से स्थापित किया।