Junglee Review:विद्युत जामवाल के एक्शन व एडवेंचर से सजी है फिल्म 'जंगली', जानें कैसी है मूवी

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 29, 2019 10:27 AM2019-03-29T10:27:48+5:302019-03-29T10:27:48+5:30

विद्युत जामवाल की शानदार फिल्म जंगली आज पर्दे पर रिलीज हो गई है। आइए जानते हैं फिल्म कैसी है-

vidyut jamwal junglee movie review | Junglee Review:विद्युत जामवाल के एक्शन व एडवेंचर से सजी है फिल्म 'जंगली', जानें कैसी है मूवी

Junglee Review:विद्युत जामवाल के एक्शन व एडवेंचर से सजी है फिल्म 'जंगली', जानें कैसी है मूवी

Highlightsजंगली आज थिएटर में रिलीज कर दी गई है फिल्म में जानवरों और इंसान की दोस्ती को पेश किया गया हैफिल्म एक खास तरह का मैसेज देने वाली है

कलाकार-विद्युत जामवाल,अतुल कुलकर्णी,अक्षय ओबेरॉय,आशा भट,पूजा सावंत 
निर्देशक- चक रसेल
स्टार-2.5/5

विद्युत जामवाल की फिल्म जंगली आज पर्दे पर रिलीज हो गई है। ये फिल्म जंगल और जानवरों पर पूरी तरह से आधारित है। इस फिल्म को देखने के बाद लोगों की जानवरों के प्रति सोच बदलने वाली है। फिल्म को हॉलीवुड के डायरेक्टर चक रसेल ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में विद्युत के साथ पूजा सावंत, आशा भट, अतुल कुलकर्णी और अक्षय ओबेरॉय अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। फिल्म में जानवरों और इंसान की दोस्ती के साथ ही हाथी के दांत की तस्करी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचा गया है। आइए जानते हैं कैसी है जंगली-

फिल्म की कहानी

राज नायर ( विद्युत जामवाल) शहर में काम करने वाला जानवरों का डॉक्टर है। जो 10 साल बाद अपनी मां की बरसी पर अपने घर उड़ीसा लौटता है। यहां उसके पिता हाथियों को संरक्षण प्रदान करने वाली एक सेंचुरी चलाते हैं। जहां उसका पीछा करती हुई पत्रकार मीरा (आशा भट्ट) आ जाती है । वह राज के पिता पर एक आर्टिकल करना चाहती है। राज के घर पर उसके पिता के साथ सेंचुरी को सपॉर्ट करने के लिए उसकी बचपन की साथी शंकरा ( पूजा सावंत) और फॉरेस्ट ऑफिसर देव भी है। घर लौटने के बाद राज अपने बचपन के साथी हाथियों में भोला और दीदी से मिलकर बहुत खुश होता है और पुराने दिनों को याद करता है, जब उसकी मां जीवित थी और वह अपने गुरु (मकरंद देशपांडे ) से कलारिपयट्टु का प्रशिक्षण ले रहा था।

 राज हाथियों के साथ मस्ती से जी रहा होता होता लेकिन उसको नहीं पता होता है कि शिकारियों की निगाह हाथियों पर है। फहाथी दांत के विदेशी तस्करों के लिए शिकार करनेवाला शिकारी (अतुल कुलकर्णी) सेंचुरी में आकर हाथी दांत हासिल करने के लिए सबकुछ तहस-नहस कर देता है। इतना ही नहीं वह हाथियों के सरदार भोला और राज के पिता की जान लेकर वहां से भाग निकलता है। क्या राज हाथियों को बचा पाएगा? क्या वह तस्करों और शिकारियों से अपने पिता और मारे गए हाथियों का बदला ले पाएगा। इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। 

फिल्म का डायरेक्शन

फिल्म का डायरेक्शन काबिले तारीफ है। जंगली को देखकर लगता है कि चक को तेजी से और भी फिल्में डायरेक्ट करनी चाहिए। अपनी फिल्मों में इमोशन और एक्शन सीन्स को वो बहुत की बेहतरीन तरीके से कैप्चर करते हैं। कुछ एक सीन को देखकर फैंस थिएटर में सीटी बजाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। 

अभिनय

फिल्म में अभिनय के मामले में विद्युत आपको थोड़ा निराश कर सकते हैं। जबकि उनके एक्शन हर बार की तरह शानदार है। वहीं शिकारी के रुप में अतुल कुलकर्णी हर बार की तरह इस बार भी अपने किरदार में ढले हुए नजर आए हैं। पूजा सावंत की एक्टिंग ठीक ठाक कही जा सकती है।

क्यों देखें क्या नहीं

 उड़ीसा के खूबसूरत सीनों की विजुअल ट्रीट के लिए फिल्म देख सकते हैं। आप अगर एनिमल लवर हैं, तो यह फिल्म आपके दिल में उतर जाएगी। फिल्म में ऐसा कुछ खास नहीं है जो ट्रेलर से अलग हो। फिल्म की कहानी भी कुछ कमाल नहीं कर पा रही है। आप थोड़ा निराश हो सकते हैं फिल्म से।

Web Title: vidyut jamwal junglee movie review

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