मशहूर हास्य अभिनेता महमूद की बहन अभिनेत्री मीनू मुमताज का कैंसर से टोरंटो में निधन
By अनिल शर्मा | Published: October 23, 2021 02:54 PM2021-10-23T14:54:54+5:302021-10-23T14:56:28+5:30
फिल्म ‘नया दौर’ के एक और हिट गीत ‘रेशमी सलवार कुर्ता जाली का’, फिल्म ‘साहिब बीबी और गुलाम’ के ‘सखिया आज मुझे नहीं’, ‘सीआईडी’ के ‘बुझ मेरा क्या नाम रे’ जैसे अन्य हिट गीतों में नजर आईं।
मुंबईः मशहूर हास्य अभिनेता-फिल्म निर्माता महमूद की बहन, जानी मानी अभिनेत्री एवं नर्तकी मीनू मुमताज (Minoo Mumtaz ) का कनाडा के टोरंटो में निधन हो गया। मुमताज कई बीमारियों से पीड़ित थीं और वह 80 साल की थी। उनके छोटे भाई अनवर अली की पत्नी मोना माथुर अली ने बताया कि हाल में पता चला था कि मीनू मुमताज कैंसर से पीड़ित हैं।
माथुर अली ने बताया, ‘उन्हें कुछ दिनों पहले कैंसर का पता चला था। यह उनके निधन का एकमात्र कारण नहीं था क्योंकि वह स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से भी पीड़ित थीं। वह बेहद जिंदादिल इंसान थीं। हमने दस दिन पहले ही उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी, वह बहुत प्यारी, सजी धजीं और खुशमिजाज लग रही थीं।’’ माथुर अली ने कहा किमीनू मुमताज जब भी भारत आतीं तो गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो सहित अपने समकालीन लोगों से मिलती थीं।
पिता मुमताज अली और मां लतीफुन्निसा बेगम के घर जन्मीं मीनू मुमताज ने 1940 के दशक में फिल्मों में नर्तकी और चरित्र अभिनेत्री की भूमिका निभाई। अभिनेत्री का असली नाम मलिकुन्निसा था, उन्होंने फिल्मों में एक नर्तकी के रूप में शुरुआत की और 1950 और 1960 के दशक के दौरान कई फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने ‘सखी हातिम’ से अपने अभिनय की शुरुआत की और ‘मुगल-ए-आजम’ के एक लोकप्रिय गीत ‘जब रात है ऐसी मतवाली’ में दिखाई दीं।
फिल्म ‘नया दौर’ के एक और हिट गीत ‘रेशमी सलवार कुर्ता जाली का’, फिल्म ‘साहिब बीबी और गुलाम’ के ‘सखिया आज मुझे नहीं’, ‘सीआईडी’ के ‘बुझ मेरा क्या नाम रे’ जैसे अन्य हिट गीतों में नजर आईं। उनकी कुछ अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में ‘कागज़ के फूल’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘ताज महल’, ‘घूंघट’, ‘इंसान जाग उठा’, ‘गजल’, ‘अलादीन’ और ‘धर्मपुत्र’ जैसी फिल्में शामिल हैं। मीनू मुमताज के परिवार में पति एस अली अकबर, एक बेटा और तीन बेटियां हैं।