वीरू देवगन श्रद्धांजलि: मुंबई पहुंचते ही वीरू देवगन को हुई थी जेल, ऐसा था कुछ स्टंटमैन से डारेक्टर बनने का पूरा स्ट्रगल
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 27, 2019 02:58 PM2019-05-27T14:58:43+5:302019-05-27T14:58:43+5:30
बॉलीवुड के सबसे मशहूर एक्शन डायरेक्टर्स में शुमार वीरू देवगन पंजाब के अमृतसर से ताल्लुक रखते थे।
फिल्म अभिनेता अजय देवगन के पिता और स्टंट मास्टर वीरू देवगन का मुंबई में निधन हो गया है। वीरू देवगन एक प्रसिद्द स्टंट मास्टर था। उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के स्टंट कोरियोग्राफ किये थे। इसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। बॉलीवुड के सबसे मशहूर एक्शन डायरेक्टर्स में शुमार वीरू देवगन पंजाब के अमृतसर से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने बॉलीवुड की 80 से अधिक फिल्मों में एक्शन सीन कोरियाग्राफ किए हैं, जबकि 1999 में फिल्म ‘हिंदुस्तान की कसम’ का डायरेक्शन भी किया, जिसमें अजय देवगन डबल रोल में दिखे थे।
गए थे जेल
वीरू देवगन को सिनेमा से बहुत प्यार था और यही काऱण उन्होंने तय किया कि बॉलीवुड जाएगें। हीरों बननें के सपने के साथ तीन दोस्तों के साथ वह अमृतसर से निकल पड़े। उस वक्त उन्हें यह भी नहीं पता था कि ट्रेन में सफर करने के लिए टिकट लेनी पड़ती है। तीनों दोस्तों की यह यात्रा ज्यादा देर नहीं चली, क्योंकि उन्हें विरार में पकड़ लिया गया। वीरू को ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने के लिए उन्हें जेल भेज दिया गया। मजिस्ट्रेट ने जुर्माना लगाया, लेकिन चुकाने के लिए फूटी कौड़ी नहीं थी। लिहाजा वीरू को जेल जाना पड़ा।
टैक्सी तक साफ किया
जेल से छूटने के बाद वीरू के दोस्तों ने मुंबई में ही कुछ काम देखने का सोची। लेकिन मायानगरी में कुछ ना हो पाने पर वह अमृतसर लौट गए। लेकिन वीरू को ये मंजूर नहीं था। उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक मुंबई में अपना नाम नहीं बना लेंगे, वापस नहीं लौटेंगे। इस दौरान उन्होंने लोगों की टैक्सियां तक साफ की। इसी दौरान सपना पूरा करने के लिए स्टूडियो के चक्कर भी लगाना शुरू किया। लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
फिर शुरू हुआ स्टंटमैन का सफर
मुंबई से लौटने के बाद वीरू अमृतसर में ही वह काम करने लगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके अंकल चाहते थे कि वो टैम्पू चलाए, लेकिन उन्हें यह काम पसंद नहीं था। इस वाक्ये के कुछ दिन बाद वे वापस मुंबई एक बार फिर लौटे आए। इस बार किस्मत ने काम किया और उन्हें फिल्म ‘अनीता’ में बतौर स्टंटमैन का काम मिला गया था। यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई।
इसके बाद स्टंटमैन के तौर पर उन्होंने कई फिल्में की, जिनमें उनके काम को काफी सराहा गया। लगभग 81 फिल्मों में उन्होंने एक्शन सीन को कोरियोग्राफ किया है। इनमें लाल बादशाह, प्रेमग्रंथ, दिलवाले, जिगर, शहंशाह, मिस्टर इंडिया, बॉक्सर, दोस्ताना, खून भरी मांग जैसी फिल्में शामिल हैं। 2016 में उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट से नवाजा जा चुका है।
बेटे को बनाया एक्टर
अजय के पिता वीरू देवगन ने बेटे के जन्म से पहले ही सोच लिया था कि उसे एक्टर ही बनाएंगे। दरअसल वीरू खुद अपने घर अमृतसर से भागकर मुंबई हीरो बनने आए थे। लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका। घर से बिना पैसों के भागे अजय देवगन के पिता वीरू ने लंबा स्ट्रगल किया है। शुरुआती दौर में वीरू देवगन ने टैक्सियां साफ करने से लेकर कारपेंटर तक का काम किया। वो खुद एक्टर बनना चाहते थे लेकिन चॉकलेटी चेहरा ना होने के कारण वीरू की ये ख्वाहिश अधूरी रह गई। बस यहीं से वीरू ने ठान लिया कि उनका पहला बेटा हीरो बनेगा और हुआ भी यही। अजय देवगन को उन्होंने हीरो ही नहीं सुपरस्टार बनाया।
खास फिल्में
बतौर एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन ने खूब नाम कमाया। उनकी बेहतरीन फिल्मों में ‘लाल बादशाह’, ‘इश्क’, ‘दिलवाले’, ‘जिगर’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दिलजले’, ‘कैदी’, ‘क्रांति’, ‘हम पांच’, ‘दोस्ताना’ और ‘मि. नटवरलाल’ जैसे कई नाम शामिल हैं।