मनोज वाजपेयी, शर्मिला टैगोर की आने वाली फिल्म 'गुलमोहर' का ट्रेलर रिलीज, जानिए कब और कहां देख सकते हैं फिल्म
By शिवेंद्र राय | Published: February 11, 2023 02:35 PM2023-02-11T14:35:05+5:302023-02-11T14:37:18+5:30
साल 2010 के बाद पहली बार है जब शर्मिला टैगोर फिल्मों में वापसी कर रही हैं। ओटीटी पर शर्मिला टैगोर की ये पहली फिल्म होगी। गुलमोहर' में मनोज वाजपेयी, शर्मिला टैगोर के अलावा सूरज शर्मा, सिमरन बग्गा और कावेरी सेठ भी अभिनय करती दिखेंगी।
नई दिल्ली: मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर अभिनित 'गुलमोहर' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। पारिवारिक रिश्तों पर आधारित ये फिल्म 3 मार्च से ओटीटी प्लेटफार्म डिज्मी प्लस हॉटस्टार पर दर्शकों के लिए उपलब्ध होगी। 'गुलमोहर' का निर्देशन राहुल वी चित्तेला ने किया है।
क्या है गुलमोहर के ट्रेलर में
फिल्म जगत के दो मंझे हुए एक्टर मनोज वाजपेयी और शर्मिला टैगोर अभिनित 'गुलमोहर' एक परिवार के उलझे रिश्ते और उसे संवारने समेटने की कहानी है। शर्मिला टैगोर ने फिल्म में दादी की भूमिका निभाई है। कहानी की शुरुआत होती है शर्मिला टैगोर के एक फैसले से। परिवार की दादी ने घर के लोगों को बताया है कि उन्होंने पुदुचेरी में छोटा-सा मकान लिया है और अब वहीं जाकर अकेले रहेंगी।
मनोज वाजपेयी एक ऐसे पिता की भूमिका निभा रहे हैं जो घर में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता है लेकिन बेटे से उसके रिश्ते अच्छे नहीं हैं। मां की भूमिका निभा रहीं सिमरन बग्गा परिवार की ऐसी स्थिति देखकर परेशान हैं। परिवार का बेटा एक अलग ही दुनिया में अपनी जिंदगी जी रहा है जहां घर के सदस्यों की कोई जगह नहीं है।
निर्देशक राहुल वी चित्तेला ने 'गुलमोहर' के माध्यम से भारतीय परिवारों के रिश्ते-नाते की कहानी पर्दे पर दिखाने की कोशिश की है। देखा जाए तो 'गुलमोहर' की कहानी किसी भी भारतीय मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी हो सकती है।
साल 2010 के बाद पहली बार है जब शर्मिला टैगोर फिल्मों में वापसी कर रही हैं। ओटीटी पर शर्मिला टैगोर की ये पहली फिल्म होगी। गुलमोहर' में मनोज वाजपेयी, शर्मिला टैगोर के अलावा सूरज शर्मा, सिमरन बग्गा और कावेरी सेठ भी अभिनय करती दिखेंगी। 3 मार्च को फिल्म के रिलीज होने के बाद ही पता चलेगा कि परिवार को बिखरने की कोशिशों में लगे मनोज वाजपेयी कामयाब होंगे या नहीं। दो से तीन कमरों के मकान में रहने वाले चार-पांच लोग एक दूसरे के साथ रहते हुए भी कैसे बहुत दूर हो सकते हैं, इसी की कहानी कहती है राहुल वी चित्तेला की 'गुलमोहर'।