Thappad Movie Review: पुरुषवादी सोच पर करारा जवाब है तापसी पन्नू की 'थप्पड़', हर किसी को देखनी चाहिए फिल्म
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 27, 2020 12:54 PM2020-02-27T12:54:06+5:302020-02-27T12:55:09+5:30
रा.वन और मुल्क जैसी फिल्म बनाने वाले अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी फिल्म थप्पड़ इस शुक्रवार को रिलीज़ हो रही है। फिल्म में तापसी पन्नू लीड रोल में हैं।
Movie Review: थप्पड़
कलाकार: तापसी पन्नू, पवैल गुलाटी, माया सराओ, रत्ना पाठक, तनवी आजमी, कुमुद मिश्रा, गीतिका वैद्य, राम कपूर और दीया मिर्जा आदि
निर्देशक: अनुभव सिन्हा
निर्माता: भूषण कुमार, अनुभव सिन्हा, कृष्ण कुमार
रेटिंग: 3/5
अनुभव सिन्हा की फिल्म थप्पड़ अपने ट्रेलर रिलीज के बाद से ही सुर्खियों में है।बस एक थप्पड़ ही तो था। क्या करूं? हो गया ना। ज्यादा जरूरी सवाल है ये है कि ऐसा हुआ क्यों? बस इसी ‘क्यों’ का जवाब तलाशती है अनुभव सिन्हा की ये फिल्म थप्पड़।पति-पत्नी के आपसी संबंधों पर कई फ़िल्में बनी हैं लेकिन अनुभव सिन्हा की थप्पड़, समाज में आदमी और औरत के उस रिश्ते पर तमाचा है जिसमें पुरुष, महिला के आत्मसम्मान से खेलता है और उसे अपने किये का एहसास भी नहीं होता। तापसी पन्नू की ये फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरो में रिलीज हो रही है। ऐसे में हम आपको फिल्म का रिव्यू बताते हैं-
फिल्म की कहानी
ये कहानी दिल्ली की पॉश सोसाइटी में रहने वाली अमृता (तापसी पन्नू ) और उसके पति विक्रम (पावैल गुलाटी ) की है। अमृता अपने पति विक्रम (पवैल गुलाटी) के साथ एक खुशहाल जिंदगी जी रही है। विक्रम अपने करियर को लेकर काफी महत्वाकांक्षी है। वहीं अमृता का एक ही सपना है - विक्रम के सारे सपने पूरे हो जाएं। इस बीच एक दिन एक पार्टी में विक्रम, अमृता पर हाथ उठा देता है। बस। यहीं से अमृता के दिलो-दिमाग का सुकून छिन जाता है। सास (तन्वी आजमी) से लेकर उसकी अपनी मां (रत्ना पाठक शाह) तक उसे यही समझाते हैं कि ऐसी बातें होती रहती हैं और उसे समझौता कर लेना चाहिए। सभी सलाह देते हैं कि इस घटना को भूलकर उसे आगे बढ़ना चाहिए, move on करना चाहिए।
लेकिन अमृता ऐसा नहीं करती है। वो इस घटना को भूलने से इंकार करती है। पिता हर कदम पर उसके साथ हैं। बेटी के गाल पर पड़े थप्पड़ से वो व्यथित हैं और क्रोधित भी। वह किसी भी प्रकार के घरेलू हिंसा के खिलाफ हैं, भले ही वह एक थप्पड़ क्यों ना हो।इस बीच विक्रम उसे वापस घर बुलाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजता है। अमृता नामी वकील नेत्रा (माया सराओ) के पास जाती है। नेत्रा भी उसे अपने पति के पास वापस लौट जाने की सलाह देती है। अब अमृता हर तरफ से आ रही इन सलाहों को अपनाएगी या अपने दिल की सुनेगी, इसके लिए आपको फिल्म थिएटर में देखनी होगी।
थप्पड़ में अभिनय
अमृता के किरदार में तापसी पन्नू ने बहुत की शानदार एक्टिंग की है। तापसी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुई हैं। फिल्म में वह रिश्तों के प्रति संवेदनशील के साथ दृढ भी नजर आई हैं। पिता बनें कुमुद मिश्रा के साथ का उनका रिश्ता फैंस को छू जाने वाला है। दोनों के बीच के रिश्ते को बहुत की खूबसूरती के साथ बुना गया है।अमृता के पति के रोल में विक्रम के रोल में पावेल गुलाटी भी अपनी तरफ खींचने में कामयाब हुए हैं। पड़ोसी बनी दिया मिर्चा का रोल भी काफी बढिया है और उसको उन्होंने बखूबी निभाया है।
थप्पड़ की निर्देशन
मुल्क और आर्टिकल 15 जैसी फिल्में फैंस के सामने पेश करने वाले निर्देशक अनुभव सिन्हा इस बार थप्पड़ लेकर आए हैं। इस फिल्म के जरिए उन्होंने समाज पर एक तगड़ा प्रहार किया है। निर्देशक ने पेश किया है कि पुरुषवादी सोच में दबी महिलाओं की इच्छाएं कब हवा हो जाती हैं, इसका अहसास खुद उनको भी नहीं होता है। फिल्म इसका एक जवाब भी है। पिता का दुलार हो या मां का प्यार हो फिल्म में बखूबी पेश किया गया है। फिल्म में निर्देशक ने छोटी छोटी चीजों को बहुत अच्छे से बुना है।
संगीत
फिल्म में बहुत ज्यादा गाना हैं। लेकिन फिल्म का एक टुकड़ा धूप जिसेशकील अज़मी ने और संगीत दिया है अनुराग साइकिया ने। फिल्म की कहानी के साथ साथ चलता यह गाना दिल- दिमाग को छूता हुआ जाता है।बैकग्राउंड स्कोर आपको छू जाएगा।