सोनू सूद ने राजनीति को बताया महान पेशा, कहा- अगर कोई इसमें आना चाहता है तो बुराई नहीं
By अनिल शर्मा | Published: August 30, 2021 09:46 AM2021-08-30T09:46:00+5:302021-08-30T09:55:09+5:30
सोनू सूद ने यह भी कहा कि लोगों की मदद करने के लिए राजनेता होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने आगे कहा, पिछले डेढ़ साल में मैंने जो कुछ भी किया, उससे यह भी पता चलता है कि भले ही आप राजनीति में न हों, फिर भी आप लोगों की मदद और उन्हें प्रेरित कर सकते हैं।
मुंबईः जब से अभिनेता सोनू सूद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले और उन्हें देश के मेंटर पहल के ब्रांड एंबेसडर के रूप में घोषित किया गया, तब से अटकलें तेज हो गई हैं कि वह राजनीति के क्षेत्र में आने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, अभिनेता ने सीधे तौर पर कहा है कि वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि इस बीच उनका राजनीति पर दिया बयान काफी चर्चा हो रही है।
सोनू सून ने कहा, उन्होंने राजनीति में आने के लिए ऐसा नहीं किया, वे सिर्फ लोगों की मदद करना चाहते थे। एक साक्षात्कार में सोनू सूद ने कहा, जब लोगों की मदद करने का मेरा पूरा आंदोलन कोविड महामारी (पिछले साल) की पहली लहर में शुरू हुआ, तब भी ऐसी अटकलें लगाई गईं। मैं एक संदेश देना चाहता हूं कि राजनीति एक महान पेशा है और अगर कोई इसमें रहना चाहता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
लोगों की मदद करने के लिए राजनेता होना अनिवार्य नहीं हैः इसके साथ ही सोनू सूद ने यह भी कहा कि लोगों की मदद करने के लिए राजनेता होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने आगे कहा, पिछले डेढ़ साल में मैंने जो कुछ भी किया, उससे यह भी पता चलता है कि भले ही आप राजनीति में न हों, फिर भी आप लोगों की मदद और उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। यह एक संदेश है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि लोगों की मदद करने के अवसर की प्रतीक्षा न करें, बस अभी करें।
क्या भविष्य में राजनीति में सोनू सूद के जाने की योजना है? इस सवाल के जवाब में सोनू सूद ने चुटकी लेते हुए कहा, मैं वास्तव में उन सभी लोगों का सम्मान करता हूं जो उस (क्षेत्र) में महान काम कर रहे हैं। एक अभिनेता के रूप में मेरे हाथ बहुत भरे हुए हैं और मैं जो काम कर रहा हूं, वह मुझे जनता से जोड़ रहा है, उन आत्माओं को छू रहा है। मैं इस जगह का आनंद ले रहा हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि कल मेरे भाग्य में क्या लिखा है।
20,000 छात्रों तक पहुंच गया छात्रवृत्तिः मैंने पहली लहर में करीब 200 छात्रों का समर्थन किया, और यह छात्रवृत्ति के दूसरे चरण में 20,000 छात्रों तक पहुंच गया है, जिसे मैंने अपनी मां सरोज सूद के नाम से शुरू किया था। वह एक प्रोफेसर थीं, और हमेशा चाहती थीं कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करूं क्योंकि इससे जीवन बदल सकता है।