Sadak 2 Movie Review: खाली सड़क पर भी बोर कर देगी आपको आलिया-आदित्य की 'सड़क2', पढ़ें रिव्यू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 29, 2020 10:29 AM2020-08-29T10:29:48+5:302020-08-29T10:29:48+5:30
Sadak 2 Movie Review पत्नी के गुज़र जाने की वजह से रवि ख़ुद अवसाद में है और आत्महत्या की कोशिश भी कर चुका है। किसी तरह आर्या उसे मना लेती है।
आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर की फिल्म सड़क 2 हॉटस्टार पर रिलीज हो गई है। ये फिल्म संजय दत्त की फिल्म सड़का सीक्वल है। फिल्म में संजय इस बार भी अहम रोल में नजर आ रहे हैं। सड़क 2 को महेश भट्ट ने निर्देशित किया है। महेश भट्ट ने 1999 में निर्देशन से सन्यास ले सिया था।अब महेश ने सड़क 2 से एक बार फिर से कमबैक किया है। ऐसे में हर फिल्म देखने से पहले हर किसी के मन में सवाल है कि आखिरी सड़क 2 कैसी फिल्म है।
सड़क 2 की कहानी
सड़क 2 की कहानी शुरू होती है आर्या (आलिया भट्ट) से जो एक ढोंगी बाबा (मकरंद देशपांडे) के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। आर्या का पूरा परिवार पिता योगेश देसाई (जिशु सेनगुप्ता) और मौसी नंदिनी (प्रियंका बोस) बाबा के भक्त हैं। आर्या को लगता है कि बाबा के कारण ही उसकी मां की मौत हुई थी। बाबा का सच सामने लाने के लिए आर्या एक कैंपन भी चलाती है।
इसी दौरान आर्या को एक ट्रोल विशाल (आदित्य रॉय कपूर) से प्यार हो जाता है। इस सबके बीच आर्या को कैलाश मानसरोवर जाना है। यह उसकी मां की इच्छा थी कि उम्र के 21वें पड़ाव पर पहुंचने से पहले वो कैलाश पहुंच जाए। अपनी इस यात्रा के लिए आर्या रवि( संजय दत्त) के पास टैक्सी लेने पहुंचती है। टैक्सी सर्विस पूजा ट्रैवल्स एंड टुअर्स के यहां टैक्सी बुक करती है। लेकिन रवि की पत्नी का निधन तीन महीने पहले हो चुका होता है और पत्नी के जाने से वह दुख में डूबा होता है। ऐसे में आर्या जब रवि से चलने को कहती है तो वो मना कर देता है लेकिन आर्या उसको मना लेती है। इसके बाद आर्या , विशाल और रवि यात्रा पर निकल जाते हैं। लेकिन इस यात्रा में आर्या के साथ कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं कि रवि आर्या की मदद को ही अपना मकसद बना लेता है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले
वैसे तो फिल्म की कहानी ही आपको अपनी तरफ नहीं खींच पाएगी। लेकिन स्क्रीनप्ले की भी बात करें जो सड़क 2 का काफी उलझा हुआ है। कुछ वक़्त तक समझ नहीं आता कि फ़िल्म कहां जा रही है। संजय दत्त और आलिया के शुरुआती दृश्य कन्फ्यूज़ करते हैं।
क्यों देखें और क्यों नहीं
फिल्म में मेन करैक्टर तीनों ही आपको खास अपनी तरफ खींच नहीं पाएंगे। संजय दत्त फिर भी अपने रोल को खींच लेते हैं। बाबा के रोल में मकरंद देशपांडे सड़क के महारानी बने सदाशिव अमरापुरकर जैसा असर पैदा करेंगे। लेकिन बाबा को लेकर जो सीन पेश किए गए वो हंसी ले आएंगे।
जिशु का किरदार ही सड़क 2 की कहानी में एक रोमांचक ट्विस्ट लेकर आता है। फिल्म की कहानी आपको काफी हद तक बोर कर सकती है। फिल्म में क्या और क्यों चल रहा है आपको समझ ही नहीं आएगा।
फिल्म में अगर कुछ थोड़ा ठीक है तो वह है फिल्म का म्यूजिक। सड़क 2 का म्यूजिक फिर भी थोड़ा बहुत ठीक है जो फैंस को पसंद आ सकता है। वैसे अगर सड़क के गीत ही रीमेक करके इस्तेमाल किये जाते तो सड़क 2 ज़्यादा दिलचस्प बनती।