जाने माने गीतकार-कवि पूवाचल खादर का कोरोना से निधन, इंजीनियर की नौकरी छोड़ फिल्मों में चले आए
By अनिल शर्मा | Published: June 22, 2021 12:43 PM2021-06-22T12:43:38+5:302021-06-22T13:11:23+5:30
परिवार के मुताबिक तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका कोविड-19 और गंभीर निमोनिया का उपचार चल रहा था और इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
मलयालम सिनेमा में 1970 और 1980 के दशक में कई सदाबहार गीत रचने वाले कवि और गीतकार पूवाचल का निधन हो गया है। वह पिछले कई दिनों से कोरोना से जूझ रहे थे। इलाज के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा। पूवाचल ने कई लोकप्रिय रूमानी और दर्द भरे नगमों की रचना की।
परिवार के मुताबिक तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका कोविड-19 और गंभीर निमोनिया का उपचार चल रहा था और इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
400 फिल्मों में 1500 गीत लिखें हैं
मलयालम में कई हिट गीतों की रचना कर चुके खादर ने पांच दशक के अपने कॅरियर में करीब 400 फिल्मों में 1500 गीत लिखें हैं। खादर के लिखे गीतों में पूमानामे (निराकुट्टू), अनुरागिनी इथा एन (ओरु कुडाक्कीझील), इथो जनमा कल्पनायिल (पालंगल), नाथा नी वरुम (चामाराम) और कई अन्य शामिल हैं।
सरकारी नौकरी छोड़ फुलटाइम बने गीतकार
तिरुवनंतपुरम के पास पूवाचल जैसी छोटी जगह पर 25 दिसंबर 1948 को जन्मे खादर फिल्मों का हिस्सा बनने से पहले बतौर इंजीनियर सरकारी सेवा में थे। 1972 में एक फिल्म में गीत लिखकर वह मशहूर हुए और दशकों तक फिल्मों का हिस्सा रहे। उन्होंने के जे यसुदास, पी जयचंद्रन, एस जानकी और कई संगीतकारों के लिए गीत लिखे।