Raw Review: एक खास मिशन में सच्चे जासूस की कहानी को पेश करती है जॉन अब्राहम की 'रॉ', फैंस थिएटर में जाने पहले पढ़ें रिव्यू
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 5, 2019 10:06 AM2019-04-05T10:06:43+5:302019-04-05T10:06:43+5:30
रोमियो अकबर वाल्टर या RAW में जॉन अब्राहम ने देशभक्ति की चाशनी में लपेटकर एक नयी थ्योरी दी है कि जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होता है
कलाकार-जॉन अब्राहम,मौनी रॉय,सिकंदर खेर,सुचित्रा कृष्णामूर्ति,जैकी श्रॉफ
निर्देशक रॉबी ग्रेवाल
स्टार-3/5
2018 में रिलीज हुई परमाणु और सत्यमेव जयते की सफलता के बाद जॉन अब्राहम पर्दे एक बार फिर से एक और शानदार फिल्म के साथ फैंस के सामने आ गए हैं। जॉन अब्राहम की फिल्म रोमियो अकबर वॉल्टर (रॉ) सिनेमाघरों में आज रिलीज हो गई है। रॉबी ग्रेवाल के डायरेक्शन में बनी मूवी में मौनी रॉय, जैकी श्रॉफ और सिकंदर खेर लीड रोल में हैं। आइए आपको बताते हैं देशभक्ति से सजी से फिल्म कैसी है-
फिल्म की कहानी
कहानी अकबर (जॉन अब्राहम) से शुरू होती है, जिसे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अफसर खुदाबख्श (सिकंदर खेर) के द्वारा टॉर्चर किया जा चुका है। पाकिस्तान इंटेलिजेंस को अकबर के भारतीय होने जासूस होने का शक होता है। वह बैंक में काम करता है। वह बैंक में काम करनेवाली श्रद्धा (मौनी रॉय) से प्यार करता है। अकबर के पिता ने देश के लिए अपनी जान दे दी थी, जिसके बाद से देशभक्ति उसकी मां ने रगों में भरा है। मगर बैंक में होने वाली डकैती उनकी जिंदगी बदलकर रख देती है। बैंक में हुई रॉबरी का वह जांबाजी से मुकाबला करता है।
उस रॉबरी के बाद रोमियो असली नाम (जॉन अब्राहम) को बताया जाता है कि उसे रॉ के चीफ श्रीकांत राय (जैकी श्रॉफ) द्वारा रॉ के एक जासूस के रूप में चुना है। अब उसे अकबर मलिक बनकर पाकिस्तान से खुफिया जानकारी जुटानी है। इसके लिए उसको खास ट्रेनिंग दी जाती है। पाकिस्तान आकर वह इजहाक अफरीदी (अनिल जॉर्ज) का दिल जीतता है और उनका खास बन जाता है। वह भारत को पाकितान द्वारा बदलीपुर में होने वाले हमले की योजना की जानकारी देता है।
इस खुफिया मिशन पर उसका साथ देता है पाकिस्तानी रघुवीर यादव। सब कुछ ठीक चल रहा होता है, मगर श्रद्धा के पाकिस्तान में डिप्लोमैट के रूप में आने पर खुदाबख्श को कुछ ऐसा सुराग मिलता है, जिससे उसे अकबर पर शक हो जाता है। वह उसे टॉर्चर करके उसका सच उगलवाना चाहता है। फिर आगे क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। फिल्म काफी एक्साइटमेंट से भरी है जो फैंस को दीवाना करने वाली है इसके लिए आपको थिएटर में जाना ही होगा।
अभिनय
जॉन अब्रॉहम का फिल्म में जबरदस्त अभिनय देखने को मिलने वाला है। अलग अलग किरदारों में जॉन ने एक्टिंग की गहरी छाप छोड़ी है। जैकी श्रॉफ ने अपने रोल के साथ एक बार फिर से पूरा न्याय किया है। सिंकदर खेर की बात करें तो वह इस बार कमाल कर गए हैं, जॉन को टॉर्चर वाले सीन्स में वह काफी अच्छी एक्टिंग करते नजर आएंगे।
क्या देखें क्या नहीं
फिल्म देशभक्ति से भरी है, जो आपको पसंद आएगी। लेकिन 145 मिनट की यह फिल्म पहले हाफ में अपना कैनवास सेट करती है पर दूसरा हाफ इसके लिए कई समस्याएं लेकर आता है जहां आप कहानी को प्रिडिक्ट करने लगते हैं। इसके बाद भीयह फैंस को अपने आकर्षण पाश में बांधे रखने में जैसे-तैसे कामयाब हो ही जाती है।