राजकुमार हिरानी ने कहा- संजय दत्त के प्रति नफरत कम करने के लिए बदली थी स्क्रिप्ट
By विवेक कुमार | Published: September 14, 2018 05:30 PM2018-09-14T17:30:07+5:302018-09-14T17:43:22+5:30
इस फिल्म ने संजय दत्त के फिल्मी ग्राफ को ऊपर तो बढाया ही और साथ में उनकी ख़राब इमेज को भी साफ किया।
मुंबई, 14 सितम्बर: राजकुमार हिरानी के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'संजू' ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की थी। क्रिटिक्स के साथ ही इस फिल्म को दर्शकों ने भी काफी पसंद किया था। फिल्म में रणबीर कपूर ने संजय दत्त का किरदार निभाया था जिसे लेकर उन्हें काफी प्रशंसा भी मिली थी। वहीं इस फिल्म ने संजय दत्त के फिल्मी ग्राफ को ऊपर तो बढाया ही और उनकी ख़राब इमेज को भी साफ किया। हालांकि फिल्म में संजय दत्त की जिंदगी के सभी पहलू शामिल नहीं किए गए थे। अब इतने दिनों बाद डायरेक्टर राजू हिरानी ने बताया कि संजय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में कई अतिरिक्त चीजें जोड़ी गई थीं ताकि लोगों के दिलों में संजय दत्त के प्रति फैली नफरत की भावना को सहानुभूति में बदल जाए।
हिरानी ने बताया कि शुरूआती संपादित फिल्म में अभिनेता की कहानी को जस का तस दिखाया गया था और उसे लोगों ने पसंद नहीं किया था। उन्होंने कहा कि शूटिंग के दौरान उन्हें लगा ‘मैं क्या कर रहा हूं। मैं गलत दिशा में जा रहा हूं।’ वास्तव में जब पहला संपादन तैयार हुआ और हमने लोगों के लिए उसकी स्क्रीनिंग रखी तो उन्होंने पसंद नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे इस व्यक्ति को पसंद नहीं करते और वे इसे नहीं देखना चाहते।
हिरानी ने यह भी बताया कि वह चाहते थे कि सच्ची कहानी दिखाई जाए क्योंकि वह उसके (संजय) प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं पैदा करना चाहते थे। उन्होंने आरंभ में उसे वैसा ही दिखाया जैसा वह है। लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि वह हमारा नायक है और हमें उसके लिए कुछ सहानुभूति रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अपने मुख्य चरित्र के लिए सहानुभूति बनाने को फिल्म में कुछ हिस्से जोड़े गये जो पहले इसमें नहीं थे। उन्होंने बताया कि अदालत का फैसला आने के बाद खुद की जान लेने की कोशिश करने वाला हिस्सा फिल्म में नहीं था जिसे बाद में फिल्माया गया। यह मूल पटकथा में नहीं था। उनका सोचना है कि इससे कुछ सहानुभूति मिलेगी। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर फिल्म एक यात्रा होती है। कुछ चीजों पर काम किया जाता है और कुछ पर नहीं। उन्हें अभी भी इस फिल्म में कमियां दिखाई देती हैं लेकिन आप अपना बेहतर देने की कोशिश करते हैं।
(भाषा इनपुट)