प्रेम चोपड़ा की वेडिंग पार्टी में राज कुमार से भिड़ गए थे राज कपूर, कह दिया था खूनी हत्यारा; जानें पूरा किस्सा
By अनिल शर्मा | Published: July 3, 2021 11:07 AM2021-07-03T11:07:27+5:302021-07-03T11:18:13+5:30
पुण्यतिथि: चार दशक से अधिक के अपने अभिनय करियर में, उन्होंने कई यादगार भूमिकाएँ दीं। जैसे मदर इंडिया (1957), दिल एक मंदिर में 'राम' (1963), वक्त में 'राजा' (1965), 'चित्रसेन' जैसी कई यादगार भूमिकाएँ दीं।
60 के दशक में राज कुमार (Raaj Kumar) एक बेहतरीन एक्टर के तौर पर अपनी पहचान बना ली थी। उनकी डायलॉग डिलीवरी ही उनको औरों से अलग बनाती थी। फिल्म कोई हो, राज कुमार का डायलॉग बोलने का अंदाज जुदा होता। यही कारण था कि एक्टर की एक बनाई लकीर से अलग उन्होंने अपनी ही एक लकीर सेट की। जब भी जानी शब्द सुनाई देता है ज़हन में राज कुमार की छवि ही उभरती है। उनका अलग ही तेवर था। जिसको निजी जीवन में भी फॉलो करते थे। इसी वजह से एक बार उनकी राज कपूर से काफी तेज बहस हो गई थी।
प्रेम चोपड़ा की वेडिंग पार्टी में हुई थी राज कुमार संग राज कपूर की बहस
बात साल 1969 की है। प्रेम चोपड़ा ने उमा चोपड़ा से शादी करने के बाद एक शानदार पार्टी का आयोजन किया था। इस पार्टी में सिनेमा से जुड़ी कई हस्यिां मौजूद थीं। राज कुमार को भी निमंत्रण था जिसमें राज कपूर भी आए हुए थे। पार्टी में मुलाकात के दौरान राज कपूर और राज कुमार के बीच झगड़ा हो गया। राज कपूर ने तब राज कुमार को खूनी हत्यारा तक कह दिया था।
इस बात के लिए हुआ था झगड़ा
दरअसल राज कपूर ने गुस्से में ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि राज कुमार ने कपूर की मल्टी-स्टारर फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में एक साइड रोल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। राज कुमार ने राज कपूर को करारा जवाब दिया था। तब राज कुमार ने जवाब देते हुए कहा था- 'मैं बेशक एक हत्यारा हूं, लेकिन मैं कभी तुम्हारे पास काम मांगने नहीं गया, बल्कि वो तुम ही हो जो मेरे पास आए।'
क्यों रिजेक्ट कर दिया था राज कुमार ने जोकर का ऑफर
दरअसल जब राज कुमार फिल्मों में बड़े स्टार बन गए तो उस दौरान राज कपूर फिल्म 'मेरा नाम जोकर' बना रहे थे और इसमें उन्होंने राज कुमार को ध्यान में रख एक जादूगर का रोल रखा, लेकिन राज कुमार ने यह कहते हुए फिल्म रिजेक्ट कर दी कि राज की बराबरी धर्मेंद्र और मनोज कुमार से नहीं की जा सकती। अगर उन्हें इस फिल्म का हिस्सा बनना है तो उसमें सिर्फ राज कपूर और राज कुमार होंगे।
पुलिस अधिकारी थे राज कुमार
गौरतलब है कि राजकुमार का जन्म लोरालाई में एक मध्यमवर्गीय कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। भारत विभाजन के बाद, वह बॉम्बे चले आए जहाँ उन्होंने चालीस के दशक के अंत में एक पुलिस अधिकारी (एक सब-इंस्पेक्टर) के रूप में काम करना शुरू किया और माहिम पुलिस स्टेशन से जुड़े रहे। हालांकि, एक हत्या के मामले में उनकी कथित संलिप्तता के बाद, उन्हें पुलिस सेवा छोड़नी पड़ी।
चार दशक से अधिक के अपने अभिनय करियर में, उन्होंने कई यादगार भूमिकाएँ दीं। जैसे मदर इंडिया (1957), दिल एक मंदिर में 'राम' (1963), वक्त में 'राजा' (1965), 'चित्रसेन' जैसी कई यादगार भूमिकाएँ दीं। ' नील कमल (1968), पाकीज़ा (1972) में 'सलीम', सौदागर (1991) में 'राजेश्वर सिंह' और तिरंगा (1993) में 'ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह'।