बुरे वक्त में लोग एक-दूसरे से गहरा रिश्ता बना लेते हैं: निर्देशक एन्थोनी मारस
By भाषा | Published: November 30, 2019 02:00 PM2019-11-30T14:00:26+5:302019-11-30T14:00:26+5:30
मारस ने पीटीआई - भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा , “ हमले के बाद कही जाने वाली बहुत सी बातों में से एक यह है कि ‘ मुंबई एक है , भारत एक है ’ । इसने लोगों को साथ खड़ा कर दिया।
'होटल मुंबई' फिल्म के निर्देशक एन्थोनी मारस का मानना है कि 26/11 जैसी त्रासदी का सामना करने के लिए लोग एकसाथ आते हैं। ग्यारह साल पहले आज के दिन 26/11 के आतंकी हमले का अंत ऑपरेशन ब्लैक टॉर्नेडो के साथ हुआ था जिसमें ताज होटल में हमलावरों को मार गिराया गया था।
ऑस्ट्रेलियाई फिल्मकार ने कहा कि उनके लिए मुंबई के लोगों की भावनाओं को समझने का यह सुनहरा अवसर था जो विपरीत परिस्थितियों में भी उम्मीद की किरण देखते हैं। मारस ने पीटीआई - भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा , “ हमले के बाद कही जाने वाली बहुत सी बातों में से एक यह है कि ‘ मुंबई एक है , भारत एक है ’ । इसने लोगों को साथ खड़ा कर दिया। मुझे लगता है कि मानव मनोविज्ञान में यह है कि बुरे वक्त में लोग एक-दूसरे से गहरा रिश्ता बना लेते हैं।”
निर्देशक ने कहा कि उनके अनुसंधान के दौरान वह यह जानकर आश्चर्यचकित थे कि किस प्रकार 2008 के हमले में बचे हुए लोगों में आत्मबोध जग गया था। उन्होंने कहा कि हमले से गुजरने के बाद अमेरिका के एक धनी बैंकर ने नौकरी छोड़कर सहिष्णुता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए परोपकारी और गैर सरकारी संस्था खोल ली थी। मारस ने कहा कि हमले के दो साल बाद ही ताज महल पैलेस होटल के स्टाफ द्वारा दोबारा होटल खोल देना यह दिखाता है कि वे उस भयानक घटना के बाद और ज्यादा मजबूत हुए।