छठ मनाने मुंबई से बिहार पहुंचे पंकज त्रिपाठी, कहा- परिवार संग छठ मनाने को लेकर बेहद उत्साहित हूं
By अनिल शर्मा | Published: November 10, 2021 11:41 AM2021-11-10T11:41:03+5:302021-11-10T11:50:06+5:30
पंकज त्रिपाठी ने कहा , मैं इस वक्त बिहार में हूं। इतने वर्षों के बाद अपने गृहनगर में इस साल की छठ पूजा मनाने के लिए मैं बेहद खुश हूं।
पटना: बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी इस बार परिवार के साथ छठ मनाने को लेकर बेहत उत्साहित हैं। पंकज छठ मनाने मुंबई से बिहार गए हैं। इस बार वह छठ अपने परिवार के साथ पटना में मना रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस बार छठ अपने घर पर मनाकर बेहद खुश हूं। वहीं कोरोना महामारी के बीच पूजा करने को लेकर खास एहतियात भी बरतेंगे। बकौल पंकज, मैं इस वक्त बिहार में हूं। इतने वर्षों के बाद अपने गृहनगर में इस साल की छठ पूजा मनाने के लिए मैं बेहद खुश हूं। छठ पूजा बिहार में सबसे बड़ा त्योहार है। हम सभी चार दिनों तक प्रकृति की पूजा करते हैं।
महामारी को देखते हुए साधारण तरीके से पूजा करेंगे पंकज
पंकज ने आगे कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए हमारा परिवार साधारण तरीके से ही पूजा करेंगा। उन्होंने कहा, हम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अनुष्ठान करने से बचेंगे। नदी के किनारे जाने के बजाय, हम अपने घर पर एक छोटा पूल सिस्टम बनाएंगे और वहीं से सूर्य देव की पूजा करेंगे।
पंकज ने हालांकि ये भी कहा कि कोरोनोवायरस के मामले कम हो गए हैं, फिर भी स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए। त्योहार मनाने के लिए बाहर जाते समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
पंकज छठ बाद गांव में होनेवाले नाटकों में हिस्सा लेते थे
इस पर्व से पंकज के बचपन की कई यादगार यादें जुड़ी हुई हैं। एक बच्चे के रूप में, वह अपने गांव बेलसंड में आयोजित कई नाटकों में भाग लेते थे। उन्होंने बताया, "छठ पूजा के बाद, मेरे गांव बेलसंड में एक विशेष नाटक का मंचन किया जाता था। एक बच्चे के रूप में, मैं हर साल वहां जाता था और कई लोगों के सामने प्रदर्शन करता था। मैं उन नाटकों को अपने अभिनय का पहला स्कूल मानता हूं। उन नाटकों में अभिनय ने बीज बोए और यह मेरे जुनून को साकार करने की दिशा में पहला कदम था।
छठ पूजा पूरे उत्तर भारत में व्यापक रूप से मनाई जाती है
छठ पूजा पूरे उत्तर भारत में व्यापक रूप से मनाई जाती है, खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में। इस वर्ष यह उत्सव 8 नवंबर, 2021 को नहाय खाय के साथ शुरू होकर 11 नवंबर, 2021 को उषा अर्घ्य के साथ संपन्न होगा। सूर्य की पूजा से लेकर गुड़, ठेकुआ और अरवा चावल के साथ खीर सहित सात्विक भोजन बनाने और खाते हैं।