'नरसंहार करानेवाले गृहयुद्ध का आह्वान कर रहे हैं', धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों पर बोले नसीरुद्दीन शाह
By अनिल शर्मा | Published: December 29, 2021 08:56 AM2021-12-29T08:56:02+5:302021-12-29T10:30:27+5:30
'द वायर' को दिए साक्षात्कार में करण थापर से बातचीत में शाह ने धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किए जाने को लेकर कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि क्या ये लोग जानते हैं कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। वे जिस चीज का आह्वान कर रहे हैं वह एक पूर्ण पैमाने पर गृहयुद्ध है।
मुंबईः हरिद्वार के धर्म संसद में हुए कथित घृणा/भड़काऊ भाषणों को लेकर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, वे वास्तव में पूर्ण रूप से गृहयुद्ध का आह्वान कर रहे हैं।
'द वायर' को दिए साक्षात्कार में करण थापर से बातचीत में शाह ने धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किए जाने को लेकर कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि क्या ये लोग जानते हैं कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। वे जिस चीज का आह्वान कर रहे हैं वह एक पूर्ण पैमाने पर गृहयुद्ध है। हम में से 200 मिलियन ( 20 करोड़) इतनी आसानी से नष्ट नहीं होने वाले हैं। ये 20 करोड़ लड़ेंगे। ये 20 करोड़ इसे ही मातृभूमि मानते हैं।
'हम में से 20 करोड़ यहीं के हैं; हम यहीं पैदा हुए'
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि 'हम में से 20 करोड़ यहीं के हैं; हम यहीं पैदा हुए, हमारे परिवारों की पीढ़ियां यहीं रहीं और यहीं मरीं। मुझे यकीन है कि अगर इस तरह का कोई भी आंदोलन शुरू होता है, तो उसे बड़े पैमाने पर प्रतिरोध और भारी मात्रा में क्रोध का सामना करना पड़ेगा।'
अगर यह संकट की बात आती है, तो हम लड़ेंगेः नसीरुद्दीन
मुसलमानों को लेकर ऐसे बयानबाजी को लेकर शाह ने गुस्सा जाहिर किया। अभिनेता ने कहा कि 'यह मुसलमानों के बीच एक भय फैलाने की कोशिश है, और मुसलमानों इसमें नहीं पड़ना चाहिए…। हमें यह नहीं मानना चाहिए कि यह हमें डरा रहे हैं क्योंकि अगर यह संकट की बात आती है, तो हम लड़ेंगे…। क्योंकि हम अपने घरों की रक्षा कर रहे हैं, हम अपनी मातृभूमि की रक्षा करेंगे, हम अपने परिवारों की रक्षा करेंगे, हम अपने बच्चों की रक्षा करेंगे।… मैं अपने विश्वासों की बात नहीं कर रहा हूं, विश्वास बहुत आसानी से खतरे में पड़ जाते हैं।'
मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने का एक ठोस प्रयास किया जा रहाः शाह
नसीरुद्दीन ने आगे इस विचार को दोहराया कि मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने को लेकर शीर्ष से मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा, 'यहां जो हो रहा है वह मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने का एक ठोस प्रयास है। यह ऊपर से शुरू हो रहा है जहां औरंगजेब का आह्वान किया जा रहा है…। सत्ता पक्ष के लिए अलगाववाद एक नीति बन गया है। मैं यह देखने के लिए उत्सुक था कि इन लोगों (नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों) का क्या होगा। तथ्य यह है कि उन्हें कुछ नहीं हुआ। आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि उस आदमी को कुछ नहीं हुआ जिसके बेटे ने किसानों को रौंद डाला।'