नसीरूद्दीन शाह ने कहा, समाज में 'खुलेआम हिंसा' से बहुत व्यथित, मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 13, 2019 09:23 AM2019-10-13T09:23:13+5:302019-10-13T09:23:13+5:30

पिछले वर्ष 69 वर्षीय अभिनेता शाह ने भीड़ के हाथों हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि कई जगहों पर किसी पुलिसकर्मी की मौत के बजाय गाय की मौत को अधिक अहमियत दी जा रही है.

Naseeruddin Shah, "Disturbed By Open Hate In Society", Says "Stand By What I Said Earlier" | नसीरूद्दीन शाह ने कहा, समाज में 'खुलेआम हिंसा' से बहुत व्यथित, मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैं

नसीरूद्दीन शाह ने कहा, समाज में 'खुलेआम हिंसा' से बहुत व्यथित, मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैं

Highlightsशाह ने कहा, मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैंदिग्गज गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि लोगों को व्यवस्था के खिलाफ होने पर भी अपनी राय देना बंद नहीं करना चाहिए.

अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि वह भीड़ हिंसा की घटनाओं को लेकर अपने बयान पर कायम हैं लेकिन वह समाज में 'खुलेआम हिंसा' से बहुत व्यथित हैं.

'इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट' में शाह के साथ बातचीत में अभिनेता आनंद तिवारी ने उनसे पूछा था कि क्या राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों का फिल्म बिरादरी में उनके संबंधों पर असर पड़ता है. इस पर उन्होंने कहा, ''फिल्म उद्योग या फिल्म से जुड़े लोगों से किसी मामले में कभी भी उनके करीबी रिश्ते नहीं रहे हैं. मैं नहीं जानता कि इससे मेरे रुख पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं, क्योंकि अब मुझे काम बहुत कम मिलता है. मैं बस यही महसूस करता हूं कि मैं अपने विचारों पर कायम रहता हूं.''

अभिनेता ने कहा, ''मैंने लोगों की बहुत गालियां सुनी हैं, जिनके पास कुछ बेहतर करने के लिए नहीं है. लेकिन यह मुझे बिल्कुल प्रभावित नहीं करती हैं. परेशान करने वाली जो बात है वह है समाज में खुलेआम नफरत की भावना.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले 49 सेलिब्रिटी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की हाल में निंदा करने वाले सांस्कृतिक समुदाय के उन 180 से अधिक सदस्यों में शाह भी शामिल थे.

आलोचना होने पर कोई भी सत्ता प्रतिष्ठान खुश नहीं होता : अख्तर

दिग्गज गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि लोगों को व्यवस्था के खिलाफ होने पर भी अपनी राय देना बंद नहीं करना चाहिए. सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचारों को लेकर मुखर रहने वाले अख्तर का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को एक लोकतांत्रिक समाज में रोका नहीं जा सकता है.

अख्तर ने कहा, ''यदि आप किसी प्रतिष्ठान या किसी व्यक्ति से कुछ कहते हैं, तो क्या वह उनको पसंद आएगा? मैं ऐसा नहीं सोच सकता कि कोई प्रतिष्ठान अपनी आलोचना होने पर खुशी महसूस करेगा. 'इंडिया फिल्म प्रोजेक्ट' में एक सत्र के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक दर्शक के सवाल के जवाब में अख्तर ने कहा, ''इसलिए इस अधिकार को नहीं छीना जाना चाहिए कि लोग आगे आकर अपनी राय रख रहे हैं और खुद को अभिव्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि आप एक लोकतांत्रिक देश और अन्यायपूर्ण समाज की एक साथ कल्पना नहीं कर सकते, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाई गई हो. इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.''

Web Title: Naseeruddin Shah, "Disturbed By Open Hate In Society", Says "Stand By What I Said Earlier"

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