इरफान खान को याद कर भावुक हुईं निर्देशक मीरा नायर, कहा- उन्हें गुजरा हुआ कहना इंपॉसिबिल है...
By भाषा | Published: May 4, 2020 05:51 PM2020-05-04T17:51:33+5:302020-05-04T17:51:33+5:30
मीरा नायर की फिल्म ‘द नेमसेक’ में इरफान खान द्वारा निभाए गए किरदार को उनके महत्वपूर्ण कामों में से एक माना जाता है। नायर ने प्रशंसकों के साथ अभिनेता से मिलने की कहानी साझा की है।
फिल्मकार मीरा नायर ने रविवार को अभिनेता इरफान खान के बारे में भूतकाल में बात करना लगभग असंभव है, क्योंकि उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी। इरफान (53) का पिछले सप्ताह बुधवार को मुम्बई के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को वर्सोवा के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के लिए धन एकत्र करने के लक्ष्य से आयोजित ‘आई फॉर इंडिया’ कॉन्सर्ट में नायर ने इरफान को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि इरफान के बारे में भूतकाल में बात करना असंभव है क्योंकि वह हमेशा जिंदा थे। इरफान उन बेहतरीन श्रोताओं में थे, जिन्हें वह जानती हैं। उन्होंने उसे बहुत अच्छी तरह सुना और अपनी कला में उसका उपयोग किया। इरफान की पहली फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ का निर्देशन नायर ने ही किया था। फिल्मकार ने कहा कि इरफान के काम की सबसे अच्छी बात यह थी कि वह अपने काम को कभी दोहराते नहीं थे, उन्होंने ऐसा कभी कुछ नहीं किया जो पहले आपने देखा हो। उन्होंने कहा ‘‘ इरफान तुम्हारी बहुत याद आएगी क्योंकि तुमने अपने बेहतरीन काम की विरासत छोड़ी है.....।’’
मीरा नायर की फिल्म ‘द नेमसेक’ में इरफान खान द्वारा निभाए गए किरदार को उनके महत्वपूर्ण कामों में से एक माना जाता है। नायर ने प्रशंसकों के साथ अभिनेता से मिलने की कहानी साझा की है। नायर अपनी फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ के लिए प्रतिभा की तलाश में जुटी थीं और इसी दौरान वह दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय पहुंची। वहां उनकी मुलाकात 18 साल के लंबे और ध्यानाकर्षित करने वाले एक युवक से हुई। 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' से फोन पर बातचीत के दौरान निर्देशक ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि अभिनेता उस समय 18 साल के थे और उनके पास एक अद्भुत चेहरा था और सबसे ज्यादा दिलचस्प बात थी कि वह काम को लेकर बेहद केंद्रित थे। काफी कुछ गौर करते थे और खुले दिल के थे, कोई घमंड नहीं था। नायर ने कहा कि अभिनेता उनके आग्रह पर नाट्य विद्यालय छोड़ उनके साथ दो-तीन महीने के लिए मुंबई आ गए।
निर्देशक यहां एक फ्लैट में अन्य सिनेमेटोग्राफर और सड़क के कुछ बच्चों के साथ रहती थीं। इस फिल्म में पहले वह एक गिरोह के सरगना सलीम का किरदार अदा करने वाले वाले थे लेकिन बाद में उन्हें एक ऐसे पत्रकार का किरदार दिया गया जो फिल्म में एक बच्चे के लिए उसकी मां को पत्र लिखता तो है लेकिन उसे भेजता नहीं है। इस फिल्म में यह किरदार काफी छोटा था। पहले जो किरदार उन्हें दिया जाने वाला था, वह लंबाई के हिसाब से उनके लिए नहीं जंचा था । नायर ने कहा कि अभिनेता को यह बताना बुरा तो था लेकिन वह यह बात समझ गए और दोनों इसके बाद दोस्त बन गए। इस फिल्म के 16 साल बाद नायर ने ‘ द नेमसेक’ में खान को मुख्य भूमिका में लिया।