बैंक अधिकारी बन अन्नू कपूर से केवाईसी के नाम पर की थी 4.36 लाख की ठगी, मुंबई पुलिस ने बिहार के शख्स को किया गिरफ्तार
By अनिल शर्मा | Published: November 24, 2022 08:06 AM2022-11-24T08:06:36+5:302022-11-24T08:14:28+5:30
जांच से पता चला कि पासवान ने अन्नू कपूर को निजी बैंक की मुख्य शाखा के साथ काम करने वाले एक अधिकारी के रूप में फोन किया था। आरोपी ने कपूर से कहा कि उनके 'केवाईसी विवरण बैंक के रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किए गए हैं और अगर वह तत्काल इसे अपडेट नहीं करते हैं तो खाता निलंबित कर दिया जाएगा।
मुंबई: मुंबई पुलिस ने बॉलीवुड अभिनेता अन्नू कपूर से बैंक केवाईसी के नाम पर कथित रूप से 4.36 लाख रुपये की ठगी करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। करीब दो महीने पहले अभिनेता से उनके बैंक केवाईसी विवरण को अपडेट करने के नाम पर ये ठगी की गई थी। मुंबई पुलिस ने मामले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो बिहार का मूल निवासी है।
आरोपी आशीष पासवान को सोमवार को अंधेरी उपनगर से गिरफ्तार किया गया। वह बिहार के दरभंगा का रहने वाला है। एक अधिकारी ने कहा कि पासवान लोगों को बैंक खाते खुलवाने में मदद कर कमीशन कमाता है।
एक विशेष टीम ने पासवान की पहचान तकनीकी साक्ष्य, उनके मोबाइल फोन नंबर और ऑनलाइन लेनदेन के विवरण के जरिए की। उन्होंने कहा कि आरोपी ने निजी बैंक में अपना खाता खोलते समय जो तस्वीर जमा की थी, वह भी मेल खा रही थी जहां अभिनेता का भी खाता है। पुलिस ने पासवान के पास से कुछ दस्तावेज और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
जांच से पता चला कि पासवान ने अन्नू कपूर को निजी बैंक की मुख्य शाखा के साथ काम करने वाले एक अधिकारी के रूप में फोन किया था। आरोपी ने कपूर से कहा कि उनके 'केवाईसी विवरण बैंक के रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किए गए हैं और अगर वह तत्काल इसे अपडेट नहीं करते हैं तो खाता निलंबित कर दिया जाएगा।
एफआईआर के अनुसार, प्रक्रिया को पूरा करने के बहाने जालसाज अभिनेता के बैंकिंग विवरण प्राप्त करने में कामयाब रहा और उसे ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) साझा करने के लिए कहा। थोड़ी देर बाद, कपूर को बैंक के कस्टमर केयर नंबर से कॉल आया कि उनके खाते से छेड़छाड़ की गई है और 4.36 लाख रुपये धोखाधड़ी से स्थानांतरित कर दिए गए हैं।
सदमे में कपूर ओशिवारा पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। प्राथमिकी में कहा गया है कि पुलिस और बैंक के प्रबंधक द्वारा त्वरित कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि दो अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए 4.36 लाख रुपये में से 3.08 लाख रुपये "डेबिट रोके गए" हैं।