बर्थडे स्पेशल मधुबाला: दिलीप के प्रति मधुबाला की वो सच्ची मोहब्बत जो हमेशा रही अधूरी, पढ़ें प्यार की कहानी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 14, 2019 07:48 AM2019-02-14T07:48:17+5:302019-02-14T07:48:17+5:30
मधुबाला 14 फरवरी 1933 को जन्मी थीं, इस मौके पर जानते हैं उनकी सबसे चर्चित प्रेम कहानी, ये प्रेम कहानी है मधुबाला और दिलीप कुमार की।
जब प्यार किया तो डरना क्या...इस गाने को सुनकर जिस एक्ट्रेस की छवि आंखों के सामने सबसे पहले आती है वह मधुबाला।मधुबाला इतनी खूबसूरत थी कि किसी को भी उन्हें देखते ही प्यार हो सकता था। मधुबाला 14 फरवरी 1933 को जन्मी थीं, इस मौके पर जानते हैं उनकी सबसे चर्चित प्रेम कहानी, ये प्रेम कहानी है मधुबाला और दिलीप कुमार की।
यूं शुरू हुई दोनों की मोहाब्बत
अपने दशक में लाखों दिलों पर राज करने वाले वाली मधुबाला का दिलीप के प्रति प्यार कांटो से भरा रहा था। मधुबाला और दिलीप ने पहली बार 1951 फिल्म तराना में काम किया था। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला का दिल दिलीप पर आ गया था और उन्होंने अपने एक मेकअप आर्टिस्ट के हाथों दिलीप को उर्दू में एक गुलाब के साथ खत भेजा। जिसमें लिखा था अगर आप मुझे चाहते हों तो ये गुलाब कबूल फरमाइए,वरना इसे वापस कर दीजिए। दिलीप ने इसको स्वीकार कर लिया और दोनों के इश्क की शुरुआत यहीं से हो गई और फिल्मों में दोनों का प्यार फैंस को दिखने लगा था। बस यहीं से दोनों का प्यार शुरू हो गया था।
मधुबाला के लिए आया रिश्ता
दोनों का प्यार जैसे परवान चढ़ रहा था वो रह किसी को पता था। एक बार दिलीप ने अपनी बहन से मधुबाला के घर शादी का रिश्ता लेकर भेजा। अगर उनके घरवाले तैयार होंगे तो वह 7 दिनों में शादी कर लेगे।लेकिन मधुबाला के पिता ने इस रिश्ते से साफ मना कर दिया था।
यूं रखी गई इश्क में शर्त
ढाके की मलमल फिल्म की शूटिंग के दौरान एक बार अभिनेता ओमप्रकाश के सामने दिलीप कुमार ने मधुबाला से कहा वह आज भी उनसे शादी करना चाहते हैं। अगर वह कहें तो लेकिन इसके लिए उनकी शर्त है कि उनको अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे लेकिन उस वक्त मधुबाला शांत थीं वह दिलीप की बातो को बातों को सुन रही थीं। मधुबाला की इस खामोशी पर दिलीप कुमार ने कहा क्या तुम मुझसे शादी करना नहीं चाहती हो वो फिर भी चुप रहीं तो दिलीप में बोले अगर आज मैं आज यहां से अकेले गया तो फिर कभी लौटकर तुम्हारे पास नहीं आऊंगा। ये वक्त था जब दिलीप मधुबाला की आंखों के सामने से उठकर हमेशा के लिए चले गए थे।
जब भरी अदालत में किया ऐलान
कहते हैं अलग होने के बाद भी दोनों को कुछ फिल्मों में काम करना था। ऐसे में मुगले आजम इनमें से एक थी। इस फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग भोपाल में होनी थी लेकिन मधुबाला के पिता एक तो दिलीप ऊपर से बेटी की खराब तबियत के कारण आउट डोर के लिए राजी नहीं हुए। बी आर चोपड़ा के तमाम समझाने के बाद भी वो नहीं माने को उन्होंने मधुबाला को फिल्म से निकाल दिया था। फिर क्या था मधुबाला के पिता ने गलत तरीके से फिल्म से निकाले जाने के कारण बी आर चोपड़ा पर केस कर दिया केस कोर्ट पहुंचा जहां सुनवाई के दौरान मधुबाला और दिलीप का रिश्ता भी सामने आया। इस दौरान दिलीप ने बहुत सख्त बनने की कोशिश की लेकिन वह अपने अंदर की भावनाओं पर काबू नहीं पा पाए और कहते हैंसुनवाई के दौरान गवाही देते हुए दिलीप कुमार ने भरी अदालत में एलान किया था कि योर ओनर मैं इस औरत से प्यार करता हूं और अपनी जिंदगी के आखिरी दिन तक इससे प्यार करता रहूंगा।
दिलीप ने मधुबाला को आखिरी बार नहीं देख पाया
मधुबाला के जाने के बाद दिलीप कुमार ने खुद एक साक्षात्कार में बताया है कि 1966 में मधुबाला जब बिमार पड़ी तो वह उनसे मिलना चाहती थीं। वह उनसे मिलने गए थे उस वक्त मधुबाला ने उनसे कहा था कि वह मरना नहीं चाहती हैं और अगर वह ठीक हो गईं तो क्या वह फिर उनके साथ फिल्म में काम करेंगे। दोनों ने वादा भी किया था। लेकिन जिस वक्त मधुबाला की मौत हुई उस वक्त दिलीप कुमार मद्रास में फिल्म गोपी की शूटिंग कर रहे थे। शाम को जब तक वो वापस बंबई पहुंचे, तब तक मधुबाला खाक में मिल चुकी थीं।