Kishore kumar Birthday: किशोर कुमार के लिए मोहम्मद रफी ने जब दी थी अपनी आवाज, पढ़ें सदबहार गायक से जुड़ी दिलचस्प बातें
By वैशाली कुमारी | Published: August 4, 2021 07:54 AM2021-08-04T07:54:15+5:302021-08-04T08:08:43+5:30
किशोर कुमार के जन्मदिन पर आज उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानते हैं। किशोर कुमार ऐसे कलाकार थे जिन्होंने अपनी गायकी के साथ-साथ अपनी अदाकारी से जमाने को अपना दीवाना बना लिया था।
'एक लड़की भीगी भागी सी', 'ओ मेरे दिल के चैन', 'ये शाम मस्तानी' और 'हमें तुमसे प्यार कितना हम नहीं जानते...' जैसे सदाबहार नगमों से सिनेजगत को सजाने वाले किशोर कुमार का आज जन्मदिन है।
उनके जन्मदिन पर चलते हैं एक सफर पर और मिलते हैं उस किशोर कुमार से जिन्होंने अपनी गायकी के साथ साथ अपनी अदाकारी से जमाने को अपना दीवाना बना लिया था। आज अगर किशोर होते तो ये उनका 92 वां जन्मदिन होता। किशोर कुमार ने अपने करियर में सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर पुरस्कार हासिल किये हैं और ये एक रिकॉर्ड है।
उनके योगदान के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें 1985-86 के लिए लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया था। बाद में मध्य प्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए भी शुरू किया।
किशोर कुमार: गायक के साथ-साथ अभिनेता भी
भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक किशोर दा एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों को ठहरने के लिए मजबुर कर देती हैं। चाहे किशोर कुमार की आकर्षक आवाज हो या पर्दे के पीछे उनकी दमदार अदाकारी सब मिलकर दर्शकों पर ऐसा जादू करते थे कि चारों ओर से बस उनकी तारीफ में तालियों कि गड़गड़ाहट गूंजने लगती थी।
हिन्दी फिल्मों के साथ उन्होंने बंगाली, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायकी का जादू बिखेरने का काम किया।
अभिनय और किशोर कुमार
किशोर कुमार के सफर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में फिल्म शिकारी (1946) से हुई जिसमें उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
1948 में बनी फिल्म 'जिद्दी' में उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला जिसमें उन्होंने देव आनन्द के लिए गाना गाया। किशोर कुमार के एल सहगल के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसलिए उन्होंने यह गीत उन की शैली में ही गाया। फिल्म सफल हुई मगर जिद्दी की सफलता के बावजूद उन्हें न तो पहचान मिली और न कोई खास काम मिला। उन्होंने 1951 में फणी मजूमदार द्वारा निर्मित फिल्म 'आन्दोलन' में हीरो के रूप में काम किया मगर ये सफल नहीं हुई।
मोहम्मद रफी ने भी दी किशोर कुमार को अपनी आवाज
1954 में किशोर कुमार ने बिमल राय की 'नौकरी' में एक बेरोजगार युवक की संवेदनशील भूमिका निभाकर अपनी जबर्दस्त अभिनय प्रतिभा से भी परिचित किया। किशोर कुमार की शुरुआती कई फिल्मों में मोहम्मद रफी ने उन्हें अपनी आवाज दी थी।
मोहम्मद रफी ने फिल्म ‘रागिनी’ तथा ‘शरारत’ में किशोर कुमार को अपनी आवाज दी तो मेहनताना लिया सिर्फ एक रुपया।
'फंटूस' फिल्म में गाने के बाद मिली बतौर गायक पहचान
किशोर कुमार की बतौर गायत बात करें तो शुरुआत में अन्य संगीतकारों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया और उनसे सामान्य गाने गवाए गए। लेकिन किशोर कुमार ने 1957 में बनी फिल्म "फंटूस" में दुखी मन मेरे गीत गाकर ऐसी छाप छोड़ी की तब के मशहूर संगीतकारों को किशोर कुमार की प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा।
आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने 'मुनीम जी', 'टैक्सी ड्राइवर', 'फंटूश', 'नौ दो ग्यारह', 'पेइंग गेस्ट', 'गाईड', 'ज्वेल थीफ़', 'प्रेमपुजारी', 'तेरे मेरे सपने' जैसी फ़िल्मों में अपनी आकर्षक और मधुर आवाज से फ़िल्मी संगीत के दीवानों को अपना दीवाना बना लिया।
किशोर कुमार ने 1940 से वर्ष 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान करीब 574 से अधिक गाने गाए। किशोर कुमार ने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन के लिए अपनी आवाज दी और इन सभी अभिनेताओं पर उनकी आवाज इस कदर जंची जैसे किशोर उनके भीतर बैठे हों। किशोर कुमार ने 81 फिल्मों में अभिनय किया और 18 फिल्मों का निर्देशन भी किया।