कंगना रनौतः किसानों पर किया था ट्वीट, प्राथमिकी दर्ज, जानिए पूरा मामला
By भाषा | Published: October 9, 2020 08:59 PM2020-10-09T20:59:02+5:302020-10-09T21:09:10+5:30
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दाखिल की है। क्याथासंदरा के निवासी नाइक ने कहा कि उनकी ओर से दी गई आपराधिक शिकायत पर अदालत ने इलाके के थाने को अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
बेंगलुरुः कर्नाटक के तुमकुरु जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को पुलिस को निर्देश दिया कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को कथित रूप निशाना बनाकर किये गए ट्वीट के लिये अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) की अदालत ने वकील रमेश नाइक द्वारा दाखिल शिकायत के आधार पर क्याथासंदरा थाने के निरीक्षक को रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दाखिल की है। क्याथासंदरा के निवासी नाइक ने कहा कि उनकी ओर से दी गई आपराधिक शिकायत पर अदालत ने इलाके के थाने को अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में लागू कृषि विधेयकों के संबंध में एक ट्वीट किया था, जिसे रीट्वीट करते हुए रनौत के ट्विटर हैंडल ''कंगना टीम'' से 20 सितंबर को ट्वीट किया गया था, ''प्रधानमंत्री जी, कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने का अभिनय करे, ना समझने का अभिनय करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा?
ये वही आतंकी हैं। सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) से एक भी इंसान की नागरिकता नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियाँ बहा दी।'' नाइक ने कहा कि इस ट्वीट से उनकी भावनाओं के ठेस पहुंची, जिसके बाद उन्होंने रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का फैसला लिया।
कंगना के बंगले के बाहर भीड़ जुटाने को लेकर न्यूज चैनल का पत्रकार तलब
मुंबई पुलिस ने पिछले महीने यहां बांद्रा में अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले का एक हिस्सा ढहाये जाने के दौरान कथित तौर पर भीड़ जुटाने को लेकर एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर के खिलाफ शुक्रवार को ‘समन’ जारी किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्टर एक लोक सेवक के, उसके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने का भी आरोपी है। उन्होंने कहा, ‘‘ रिपोर्टर ने पिछले महीने पाली हिल स्थित कंगना के कार्यालय का एक हिस्सा ढहाये जाने के दौरान भीड़ जुटाई थी। उसने लोगों को उकसाया भी था।’’
अधिकारी ने कहा कि रिपोर्टर एवं अन्य के खिलाफ खार पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिये हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग करना), 188 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा करना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें खार पुलिस थाने में शुक्रवार को आने को कहा था, लेकिन वह अब तक पहुंचे। ’’ उल्लेखनीय है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कंगना के बंगले का कथित अवैध हिस्सा ध्वस्त करने की कार्रवाई की थी।