कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को बैन करने की मांग, SGPC ने लगाए गंभीर आरोप; मुश्किल में फंसी एक्ट्रेस
By अंजली चौहान | Published: August 22, 2024 10:38 AM2024-08-22T10:38:44+5:302024-08-22T10:46:36+5:30
Emergency Movie: एसजीपीसी ने कहा कि यह सिखों के चरित्र को 'गलत तरीके' से चित्रित करता है।
Emergency Movie: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज होने से पहले भारी विवादों में घिरती नजर आ रही है। पंजाब में सिख समुदाय द्वारा फिल्म का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को फिल्म 'इमरजेंसी' पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की, क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म में सिखों के चरित्र को गलत तरीके से पेश किया गया है। सिखों के प्रतिनिधि के रूप में जानी जाने वाली एसजीपीसी दुनिया भर में रहने वाले सिखों की प्रतिनिधि संस्था है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा बनाई गई है, जो अपने सिख विरोधी और पंजाब विरोधी बयानों के कारण विवादों में रहती हैं। फिल्म में जानबूझकर सिखों का चरित्र हनन करने की कोशिश की गई है, जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता।
SGPC ने कहा कि समुदाय जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और संत जरनैल सिंह भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा 'समुदाय का शहीद' घोषित किया गया है जबकि कंगना रनौत की फिल्म उनका चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि कंगना ने कई बार जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाले बयान दिए हैं लेकिन सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें बचा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार को फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि ``इमरजेंसी'' फिल्म के जारी किए गए अंशों से यह स्पष्ट है कि इसमें सिखों के चरित्र को जानबूझकर अलगाववादी के रूप में गलत तरीके से पेश किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि पहले भी फिल्मों से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब सिख चरित्रों और सिखों की धार्मिक चिंताओं को गलत तरीके से पेश किए जाने के कारण सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है और उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से ``इमरजेंसी'' फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने पहले भी अपनी आम बैठकों में कई बार प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन यह दुखद है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है।