दैनिक भास्कर ने किसी सरकार की दलाली नहीं की, बोले जावेद अख्तर- छापे पर आश्चर्य नहीं, लोगों के ऐसे आए कमेंट्स
By अनिल शर्मा | Published: July 23, 2021 01:38 PM2021-07-23T13:38:00+5:302021-07-23T13:49:58+5:30
जावेद अख्तर ने ट्वीट में लिखा- वह अपनी उद्देश्यपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। जावेद अख्तर ने आगे लिखा कि इसने कभी भी किसी सरकार, कांग्रेस या भाजपा की दलाली नहीं की। आश्चर्य नहीं कि उनके कार्यालयों पर छापा मारा जाता है।
आयकर विभाग ने गुरुवार सुबह भारत के प्रमुख मीडिया समूह दैनिक भास्कर के कई ठिकानों पर छापेमारी की। दैनिक भास्कर हिन्दी के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक है। इस छापेमारी के बाद सोशल मीडिया पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित मीडिया से जुड़ी तमाम हस्तियों ने अपना विरोध जाहिर किया। इस बीच गीतकार जावेद अख्तर ने भी दैनिक भास्कर पर की गई छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जावेद अख्तर ने इस बाबत दो ट्वीट किए हैं। पहले ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा- दैनिक भास्कर का भारत में सर्कुलेशन सबसे अधिक है। और दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सर्कुलेशन है। वह अपनी उद्देश्यपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। जावेद अख्तर ने आगे लिखा कि इसने कभी भी किसी सरकार, कांग्रेस या भाजपा की दलाली नहीं की। आश्चर्य नहीं कि उनके कार्यालयों पर छापा मारा जाता है।
जावेद अख्तर यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक और ट्वीट किया। लिखा- वर्ल्ड प्रेस ट्रेंड 2019 की नवीनतम एडिशन- वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज पब्लिशर्स (WAN IFRA) के मुताबिक, 4.3 मिलियन से अधिक प्रतियों के साथ दैनिक भास्कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सर्कुलेशन वाला समाचार पत्र बन गया है।
जावेद अख्तर के इन दोनों ही ट्वीट पर यूजर्स की खूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा- कहानी का पाठ- जिन समाचार पत्रों का सर्कुलेशन बहुत अधिक होगा, वे जांच के दायरे में नहीं आएंगे! एक अन्य ने लिखा- लेकिन हम आपके अराजनैतिक कहने को लेकर भी आश्चर्य नहीं हैं।
इसके साथ ही एक यूजर ने कहा- यह समाचार पत्र भी हिन्दू मुस्लिम, मोदी 18-18 घण्टे काम करता है, जैसे समाचार ही 2010 से छापता चला आ रहा है। कुछ कारण है जिससे इनके रास्ते अलग हो गए। राजनाथ, गडकरी, आरएसएस से इनकी मित्रता पूर्ववत है।
यह समाचार पत्र भी हिन्दू मुस्लिम
— Janvani 1.0 🚩जय किसान🚩 (@LOC_bbk) July 23, 2021
मोदी 18 18 घण्टे काम करता है
जैसे समाचार ही 2010 से छापता चला आ रहा है
कुछ कारण है जिससे इनके रास्ते अलग हो गए
राजनाथ, गडकरी, आरएसएस से इनकी मित्रता पूर्ववत है। @DainikBhaskar
एक अन्य यूजर ने लिखा- आप क्या बात कर रहे हैं? आपको सरकारी मशीनरी पर भरोसा नहीं है। छापेमारी, जांच और संतुलन बनाना उनकी जिम्मेदारी है। हालांकि मैं मानता हूं कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करें और आम लोगों के जीवन में जितना संभव हो उतना कम हस्तक्षेप करें।
What are you talking? You don't seem to trust government machinery. It is their responsibility to raid, check, and balance.
— Durgesh Dwivedi ✍🏼 🧲🇮🇳🇺🇸🎻 (@durgeshdwivedi) July 23, 2021
Though I agree that we must ensure that these agencies operate independently and with as little interference in the lives of ordinary people as possible.
क्या इसके सर्कुलेशन को लेकर छापा मारा गया था? नहीं। पत्रकारिता करने के लिए छापा मारा गया था? नहीं। क्या उस पर कर चोरी के लिए छापा मारा गया था? हां। यूजर ने आगे लिखा- नमस्ते पटकथा लेखक से गीतकार बने ट्विटर ट्रोल जावेद अख्तर। क्या पत्रकारिता आपको दुनिया के सभी अपराधों से मुक्ति दिलाती है? दैनिक भास्कर विभिन्न व्यवसायों में है।
Was it raided for circulation? No. Was it raided for journalism? No. Was it raided for tax evasion? Yes.
— Anupam K Singh (@anupamnawada) July 23, 2021
Hello script writer turned lyricist turned Twitter troll @Javedakhtarjadu, does journalism give you immunity from all the crimes in the world? DB is in various businesses.
गौरतलब है कि छापेमारी को लेकर उठे सवाल पर आयकर विभाग ने अपना बयान जारी किया। आयकर विभाग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके अधिकारियों ने दैनिक भास्कर मीडिया समूह के कई कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में ‘‘बदलाव के सुझाव’’ दिए। विभाग ने तीन ट्वीट कर कहा कि इसकी टीम ने छापेमारी के दौरान केवल वित्तीय दस्तावेजों पर गौर किया। आयकर विभाग ने ट्वीट किया कि मीडिया के कुछ हिस्से में आरोप लगाए गए हैं कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक खास प्रकाशन के कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में बदलाव के सुझाव दिए और संपादकीय निर्णय लिए। विभाग ने ट्वीट किया- ये आरोप पूरी तरह झूठ हैं और आयकर विभाग इसे पूरी तरह खारिज करता है। इसने कहा कि विभाग के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जांच दल ने ‘‘समूह के कर अपवंचना से जुड़े केवल वित्तीय लेन-देन को देखा।’