सेंसरशिप के कानून में बदलाव के खिलाफ अनुराग कश्यप, सुधीर मिश्रा सहित 1400 कलाकार, सरकार के हस्तक्षेप पर जताई आपत्ति

By अनिल शर्मा | Published: July 2, 2021 01:15 PM2021-07-02T13:15:53+5:302021-07-02T14:45:15+5:30

कानून में हुए बदलाव के खिलाफ प्रोड्यूसर्स गिल्ड सहित फरहान अख्तर, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप समेत 1400 लोगों ने पिटीशन फाइल की है। वहीं वेटरन फिल्ममेकर श्याम बेनेगल ने कानून में हुए सुधार का समर्थन किया है और कहा है किकोई सर्टिफिकेशन स्थाई तौर पर लागू नहीं हो सकता।

including Anurag Kashyap Sudhir Mishra 1400 people against changes in film censorship law objected to government intervention | सेंसरशिप के कानून में बदलाव के खिलाफ अनुराग कश्यप, सुधीर मिश्रा सहित 1400 कलाकार, सरकार के हस्तक्षेप पर जताई आपत्ति

सेंसरशिप के कानून में बदलाव के खिलाफ अनुराग कश्यप, सुधीर मिश्रा सहित 1400 कलाकार, सरकार के हस्तक्षेप पर जताई आपत्ति

Highlightsफिल्ममेकर्स ने ऑनलाइन पिटीशन तैयार की हैकई दिग्गज फिल्ममेकर्स सहित 1400 लोगों ने साइन किया हैसुधीर मिश्रा का कहना है कि किसी फिल्म पर आपत्ति है, तो वह कोर्ट में जा ही सकता है

फिल्म सेंसरशिप के कानून में हुए बदलाव के खिलाफ बॉलीवुड के फिल्ममेकर अनुराग कश्यप, सुधीर मिश्रा, फरहान अख्तर सहित करीब 1400 लोगों ने आवाज उठाई है। सबसे ज्यादा आपत्ति इस बात पर है कि जो फिल्म ऑलरेडी रिलीज हो चुकी है, उसके खिलाफ शिकायत होने पर फिर से सेंसर करना। प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने इसका खुलेतौर पर विरोध किया है।

कानून में हुए बदलाव के खिलाफ प्रोड्यूसर्स गिल्ड सहित फरहान अख्तर, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप समेत 1400 लोगों ने पिटीशन फाइल की है। वहीं वेटरन फिल्ममेकर श्याम बेनेगल ने कानून में हुए सुधार का समर्थन किया है और कहा है किकोई सर्टिफिकेशन स्थाई तौर पर लागू नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा सिनेमेटोग्राफ (अमेंडमेंट) बिल, 2021 का ड्राफ्ट सार्वजनिक करने के बाद इस पर 2 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। लेकिन कुछ फिल्म मेकर्स ने सरकार से कुछ और समय की मांग की है।

क्या कहना है प्रोड्यूसर्स गिल्ड और सुधीर मिश्रा का?

प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के CEO नितिन तेज आहूजा ने बताया कि फिलहाल फिल्म इंडस्ट्री कोविड के प्रभाव से जूझ रही है। ऐसे माहौल में यह सुधार एक नया संकट है। वहीं सुधीर मिश्रा ने कहा है कि हमारे यहां अपनी स्वायत्त न्याय प्रणाली है ही, किसी को अगर किसी फिल्म पर आपत्ति है, तो वह कोर्ट में जा ही सकता है। फिर यह प्रावधान क्यों होना चाहिए? उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री को पांच साल के टैक्स ब्रेक की जरूरत है। इससे देश में क्रिएटिविटी का विस्फोट होगा। मगर, ऐसी समीक्षा के जोखिम की स्थिति में कौन अपना पैसा फिल्म बनाने पर लगाएगा?

फिल्ममेकर्स ने ऑनलाइन पिटीशन तैयार की

फिल्म मेकर प्रतीक वत्स और शिल्पा गुलाटी ने एक ऑनलाइन पिटीशन तैयार की है। इस पर फरहान अख्तर, शबाना आजमी, हंसल मेहता और अनुराग कश्यप समेत फिल्म उद्योग से जुड़े लोग और कई प्रबुद्ध लोगों ने अपनी सहमति जताई है। ऑनलाइन पिटीशन में पांच मुद्दे उठाए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को फिल्म सेंसर सर्टिफिकेट को निरस्त करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

Web Title: including Anurag Kashyap Sudhir Mishra 1400 people against changes in film censorship law objected to government intervention

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