खोखले साबित हुए बॉलीवुड के दिखाए सपने, अब खुद अपने करियर की बागडोर संभालेंगी सनी लियोन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 1, 2018 09:16 AM2018-12-01T09:16:16+5:302018-12-01T09:16:16+5:30
अमेरिकी पोर्न इंडस्ट्री को अलविदा कह कर 2013 में बॉलीवुड आईं सनी लियोन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अब तक के सफर से खुश नहीं हैं
अमेरिकी पोर्न इंडस्ट्री को अलविदा कह कर 2013 में बॉलीवुड आईं सनी लियोन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अब तक के सफर से खुश नहीं हैं. करीब 5 साल बाद उन्हें महसूस हो रहा है कि बॉलीवुड वालों ने उनसे जितनी बड़ी-बड़ी बातें की थी, जो सपने दिखाए थे, उनमें से ज्यादातर खोखले साबित हुए. यही वजह है कि सनी ने अब खुद अपने करियर की बागडोर संभालने का फैसला किया है.
सनी लियोन ने पिछले दिनों अपनी जिंदगी पर एक वेबसीरीज बनाई. इसमें उन्होंने अभिनय भी किया. वेबसीरीज फ्लॉप रही. लेकिन उन्होंने अभी बॉलीवुड में चमकने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. वह अपना ध्यान पूरी तरह अच्छी कहानियों पर लगा रही हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ''मेरी दिलचस्पी अब अच्छी कहानियों में हैं. मैं हर तरह की फिल्मों में काम करना चाहती हूं.
मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या है सही लोगों की तलाश करना. मैंने पहले उन लोगों के साथ काम किया जिन्होंने मुझसे बड़ी बातें की. चांद-सूरज तक पहुंचा देने के सपने दिखाए. यह लोग मुझे लेकर अच्छी फिल्में नहीं बना पाए. मैंने इनसे जो वादे किए थे, उनके मुताबिक अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया, लेकिन अब अपनी कुछ फिल्में देख कर शर्मिंदगी होती है.''
सनी का कहना है कि उन्हें बॉलीवुड में सही और गलत लोग समझ में आ गए हैं और इसीलिए उन्होंने पति के साथ मिल कर फैसला किया है कि जल्दबाजी में कुछ नहीं करेंगी. सोच-समझ कर निर्णय लेंगी और उसी निर्माता-निर्देशक के साथ काम करेंगी, जो वैसी फिल्म बना पाने में सक्षम होगा, जैसी कहानी में बताएगा.
बता दें कि सनी की शुरुआती फिल्में 'जिस्म 2' और 'रागिनी एमएमएस 2' बॉक्स ऑफिस पर कुछ सफल रहीं मगर 'जैकपॉट' (2013), 'एक पहेली-लीला' (2015), 'कुछ कुछ लोचा है' (2015), 'मस्तीजादे' (2016), 'वन नाइट स्टैंड' (2016), 'बेईमान लव' (2016) और 'तेरा इंतजार' (2017) लगातार फ्लॉप रहीं हैं. आधा दर्जन फिल्मों में तो निर्माता खर्च की गई रकम तक नहीं निकाल पाए. इसके बाद सनी को बॉलीवुड में हीरोइन के रूप में फिल्मों के प्रस्ताव मिलने बंद हो गए.