बर्थडे स्पेशल: जब पहली ही फिल्म में 'अफसाना लिखकर' पर्दे पर शकील बदायूँनी ने मचाया था तहलका

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 3, 2018 07:41 AM2018-08-03T07:41:20+5:302018-08-03T07:41:20+5:30

3 अगस्त 1916 को यूपी के बदायूं में शकील बदायूँनी का जन्म हुआ। इस नायाब हीरो के बचपन से ही लिखने का बड़ा शौक था।

happy birthday shakil badayuni: famous poet and lyricist shakil badayuni unknown and interesting facts in hindi | बर्थडे स्पेशल: जब पहली ही फिल्म में 'अफसाना लिखकर' पर्दे पर शकील बदायूँनी ने मचाया था तहलका

happy birthday shakil badayuni: famous poet and lyricist shakil badayuni unknown and interesting facts in hindi

मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूँनी  का आज जन्मदिन है। शकील की कलम से निकले शब्द आज भी जेहन में जिंदा हैं।"मैं शकील दिल का हूं तर्जुमा, कि मोहब्बतों का हूँ । राजदान मुझे फख्है मेरी शायरी मेरी जिंदगी से जुदा नहीं" इन पंक्तियों में उन्होंने अपने पूरे जीवन को जैसे पिरो के पेश कर दिया था। 3 अगस्त 1916 को यूपी के बदायूं में शकील बदायूँनी का जन्म हुआ। इस नायाब हीरो के बचपन से ही लिखने का बड़ा शौक था। यही कारण है कि वक्त के साथ उनकी प्रतिभा निखरी और सभी के बीच छा गई।

नौकरी छोड़ बने शायर

वह बी.ए पास करने के बाद वर्ष 1942 मे वह दिल्ली पहुंचे। यहां आने के बाद उन्होनें आपूर्ति विभाग मे आपूर्ति अधिकारी के रूप मे अपनी पहली नौकरी की। लेकिन किस्मत को इसके साथ ही कुछ और भी मंजूर था, इस बीच वह मुशायरों मे भी हिस्सा लेते रहे जिससे उन्हें पूरे देश भर मे शोहरत हासिल हुई। शायरी में नाम कमाने के बाद उन्होंने अब नौकरी को अलविदा कह दिया।

मुंबई में रखे कदम

नौकरी छोड़ने के बाद वह 1946 मे दिल्ली से मुंबई आ गए। यहीं  पहली बार उनकी मुलाकात उस समय के मशहूर निर्माता ए.आर. कारदार उर्फ कारदार साहब और महान संगीतकार नौशाद से हुई। कहते हैं नौशाद के कहने पर उन्होंने गाना लिखा 'हम दिल काअफसाना दुनिया को सुना देंगे, हर दिल मे मोहब्बत की आग लगा देंगे'। फिर क्या था गाना पसंद तो आना ही था लिखा जो शकील ने था।

पहली फिल्म का जादू

उन्होंने अपनी पहली फिल्म से तहलका मचा दिया। कहते हैं उन्होंने अपनी पहली फिल्म कारदार साहब की 'दर्द' को साइन किया। साल 1947 मे अपनी पहली ही फिल्म 'दर्द' के गीत अफसाना लिख रही हूं'' की अपार सफलता से शकील कामयाबी के शिखर पर जा बैठे। इस गाने को हर किसी ने इतना पसंद किया कि फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

नौशाद के साथ जोड़ी

शकील को करियर की शुरुआत में जो दोस्त मिला वो थे नौशाद  उनको शायद पता नहीं था ये दोस्ती उनके जीवन को बदल देगी। शकील बदायूंनी और नौशाद की जोड़ी वाले गीतों में "कुछ है तू मेरा चांद मैं तेरी चांदनी", सुहानी रात ढल चुकी, "वो दुनिया के रखवाले" जैसे गीत आज भी लोगों को याद हैं।

ना भूलने वाले गीत 

'दो सितारो का जमीं पे है मिलन आज की रात', 'मधुबन मे राधिका नाची रे', 'जब प्यार किया तो डरना क्या', 'नैन लड़ जइहें तो मन वा मे कसक होइबे करी', 'दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढूंढ रहा है', 'तेरे हुस्न की क्या तारीफ करू; जैसे ना जाने कितने गाने हैं जिनको उन्होंने अपने शब्दों पिरोकर अमर कर दिया।
गीत हिंदी फिल्मों के इतिहास के अमर गीत बन गए।

तीन बार फिल्म फेयर अवार्ड

शकील बदायूंनी को अपने खूबसूरत गीतों के लिए तीन बार फिल्म फेयरअवार्ड से नवाजा गया। जिसमें साल 1960 में प्रदर्शित 'चौदहवीं का चांद' के 'चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो', उसके बाद साल 1961 मे घराना के गीत 'हुस्न वाले तेरा जवाब नही' और 1962 मे बीस साल बाद में 'कहीं दीप जले कहीं दिल' गाने के लिये फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

English summary :
happy birthday shakil badayuni: famous poet and lyricist shakil badayuni unknown and interesting facts in hindi


Web Title: happy birthday shakil badayuni: famous poet and lyricist shakil badayuni unknown and interesting facts in hindi

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