सरकार ने किशोर कुमार के गानों पर लगाई थी रोक, मेल-फीमेल की आवाजों में गाने वाले सिंगर के जानें अनसुने किस्से
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 4, 2018 07:36 AM2018-08-04T07:36:37+5:302018-08-04T09:45:36+5:30
किशोर को उनके फैंस किशोर दा के नाम से आज भी याद करते हैं।
अपने बिंदास अंदाज में गानों के जरिए फैंस के दिलों में राज करने वाले गायक और अभिनेता किशोर कुमार का आज जन्मदिन है। किशोर को उनके फैंस किशोर दा के नाम से आज भी याद करते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर अभिनेता के रूप में कॉमेडी के रंग में भी उतने ही चटकीले थे, जितने संवेदनशील दृश्यों में जीवंत! गायन और अभिनय के अलावा उन्होंने फ़िल्म निर्माण और निर्देशन में भी अपने जौहर दिखाये। मध्य प्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त, 1929 को जन्मे किशोर कुमार के बचपन का नाम था- आभास कुमार गांगुली।
बचपन से पैसे कमाने की होड़
कहते हैं किशोर दा को बचपन से ही पैसे कमाने का चस्का था। जब वो छोटे थे तो उनके भाई अशोक कुमार उस समय एक बेहतीन कलाकार के तौर पर उभर चुके थे। बताते हैं बचपन में ही किशोर कुमार का यह सपना था कि वो अपने भाई अशोक कुमार से ज्यादा पैसे कमाना चाहते थे और अपने फेवरेट सिंगर केएल सहगल की तरह गीत गाना चाहते थे।
मुंबई की तरफ रुख और करियर की शुरुआत
इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोर कुमार ने मुंबई की तरफ अपना रुख किया। कुछ सपने लिए वह मुंबई अपने बड़े भाई अशोक कुमार के पास आ गए। जहां उन्होंने बॉम्बे टॉकीज के लिए कोरस गाना शुरू किया। 1948 में आई फिल्म 'ज़िद्दी' के लिए खेमचंद प्रकाश के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने अपना पहला गाना गाया- 'मरने की दुआएं क्यों मांगूं'। वहां से किशोर के कामयाबी का सफर शुरू हुआ। इसके बाद एक से एक बेहतरीन गानों को अपनी आवाज से वो सवांरते चले गए।
भारत सरकार ने लगाई रोक
किशोर कुमार एक ऐसे कलाकार थे कि उनके आगे किसी की नहीं चलती थी। कहते हैं इमरजेंसी के वक्त कांग्रेस नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी चाहते थे कि किशोर कुमार कांग्रेस की रैली में गाएं। लेकिन, किशोर कुमार ने इसके लिए मना कर दिया था। जिसका नतीजा ये निकला कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन पर अनौपचारिक प्रतिबंध लगा दिया। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गाने बजने बंद हो गए। इमरजेंसी खत्म होने तक उन पर यह बैन जारी रहा था।
पानी वाला घर
कहते हैं कि एक बार किशोर कुमार के पीछे एक आर्किटेक्ट पड़ गया और उसको भगाने के लिए उसे बुलवाकर कहा कि मेरे घर को वेनिस जैसा बना दो की पुरे घर में कहीं भी जाने के लिए नाव का इस्तेमाल करना पड़े। उसके बाद वो आर्किटेक्ट उलटे पैर भागा और फिर कभी किशोर कुमार से मिलने की हिम्मत नहीं करी।
फीमेल की आवाज का गाना
अपने गानों में दीवानगी पेश करने वाले किशोर कुमार एक ऐसे गायक थे जो मेल फीमेल दोनों की आवाज में गाना गाया था। कहते हैं कि 1962 में आई फिल्म 'हाफ टिकट' का गाना 'आके सीधे लगी दिल पे जैसी' में उनको लता जी के साथ गाना गाना था। लेकिन किन्ही कारणों से लता जी गाना गा नहीं पाईं। ऐसे में कुमार ने कहा 'क्या में कोशिश करके देखूं' फिर किशोर कुमार ने मेल और फीमेल दोनों ही आवाजें में गाना गाया। मजे की बात तो यह की गाना एक टेक में फाइनल कर दिया गया और यह गाना इतना सुपरहिट हुआ की आज भी लोगो की जुबान पर रहता है।
लता से कम लेते थे पैसे
कहते हैं कि किशोर कुमार लता मंगेशकर को बहुत मानते थे उनका बहुत सम्मान करते थे। वह जब भी कोई गाना साइन करते तो हमेशा वह प्रोडूसर से पूछते थे की इस गाने की रिकॉर्डिंग के लिए लता मंगेशकर कितने पैसे लिए हैं। अगर पैसे ज्यादा हों तो भी वह कहते जो भी पैसा आप लता मंगेशकर को दो उससे मुझे 1रु कम देना।