आज सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी को मजबूर हैं बॉलीवुड अभिनेता सवी सिद्धू, बस के लिए भी नहीं होते पैसे
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: March 19, 2019 03:06 AM2019-03-19T03:06:57+5:302019-03-19T04:52:40+5:30
"मेरे पास बस के पैसे नहीं हैं। अपने डायरेक्टर-प्रोड्यूसर को मिलने के ऐसे हालत हैं। जाकर फिल्म देखना, तो मेरे लिए सपा है अब। बहुत फिल्म मिस कर रहा हूं। देखने का मन करता है, लेकिन मेरे आर्थिक हालात ऐसे हैं।"
गुलाल, ब्लैक फ्राइडे, पटियाला हाउस जैसी फिल्मों में काम कर चुके त्रिलोचन सिंह उर्फ सवी सिद्धू इन दिनों बेहद तंगहाली से गुजर रहे हैं। आलम ये है कि आज उन्हें अपना घर चलाने के लिए एक अपार्टमेंट में गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है। एक बेवसाइट को जब सवी सिद्धू ने अपनी कहानी बताई, तो एक बार फिर जगमगाती फिल्मी दुनिया का दूसरा पहलू सामने आ गया।
अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत के बारे में बताते हुए वो बोले, "अनुराग कश्यप मिले स्ट्रगल करते-करते, तो मुझे पांच में लिया। उनकी जो पहली फिल्म थी, रिलीज नहीं हुई। उसके बाद उन्होंने मुझे ब्लैक फ्राइडे में लिया, जिसमें मैंने कमिश्नर का रोल किया। उसके बाद उनके साथ मैंने गुलाल भी की। मैंने यश राज, सुभाष जी के साथ, निखिल आडवाणी के साथ पटियाला हाउस की।"
सवी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ से पूरी की, जिसके बाद वह चंडीगढ़ चले गए। जब वह ग्रैजुएशन कर रहे थे, तो उन्होंने मॉडलिंग का ऑफर मिला। इसके बाद वह लॉ की डिग्री के लिए वापस लखनऊ चले आए। इस बीच सवी ने थियेटर भी किया। सवी बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही 'एक्टिंग का कीड़ा' था। वह बताते हैं कि, "जब से मेरे भाई की एयर इंडिया में जॉब लगी, तब से उनके लिए मुंबई आना आसान हो गया। फिर जैसे स्ट्रगल होता है... मैंने शुरू किया प्रोड्यूसर्स को मिलना।"
वो आगे कहते हैं, काम की कभी प्रॉब्लम नहीं हुई। मुझे ही छोड़ना पड़ा कि मैं नहीं कर पा रहा हूं। ऐसा लगता था, जैसे काम मेरा ही इंतजार कर रहा है। यहां जैसे लोगों को काम मिलता नहीं और मेरे पास इतना काम है कि मैं काम नहीं कर पा रहा। मेरी हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ रही हैं। मेरी आर्थिक समस्याएं भी बढ़ गईं। सेहत खराब हुई, तो काम खत्म हो गया।"
अपनी करियर के सबसे मुश्किल दौर के बारे में बात करते हुए सवी ने कहा, "सबसे बुरा वक्त तब था, जब मैंने अपनी पत्नी को खो दिया। इसके बाद उनके पिता, माता की भी मृत्यु हो गई, जिसने उन्हें तोड़ दिया। इसके बाद वह काफी अकेले पड़ गए।"
सवी हाउसिंग सोसायटी में 12 घंटे शिफ्ट करते हैं। वह बताते हैं, "मेरे पास बस के पैसे नहीं हैं। अपने डायरेक्टर-प्रोड्यूसर को मिलने के ऐसे हालत हैं। जाकर फिल्म देखना, तो मेरे लिए सपा है अब। बहुत फिल्म मिस कर रहा हूं। देखने का मन करता है, लेकिन मेरे आर्थिक हालात ऐसे हैं।"