Ghoomketu Review: कॉमेडी का हाई डोज लेकर आए हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी, फिर भी कुछ चूकती नजर आई फिल्म घूमकेतु
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: May 22, 2020 15:02 IST2020-05-22T14:26:37+5:302020-05-22T15:02:10+5:30
'घूमकेतु' (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) लेखक बनना चाहता है और अपने ख्वाब पूरे करने की चाहत उसे मुंबई तक खींच लाती है। वह ब्लडी बाथरूम, सौलेती मां, दिलवाले दुल्हनिया दे जाएंगे जैसी कहानियां लिखता है और अपनी फिल्मों में सुपरस्टार्स को फिल्माना चाहता है।

पढ़ें घूमकेतु का रिव्यू (फाइल फोटो)
Movie Review: घूमकेतू
कलाकार: इला अरुण, रघुवीर यादव, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप, रागिनी खन्ना आदि।
निर्देशक: पुष्पेंद्र मिश्रा
निर्माता: सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट, फैंटम फिल्म्स
ओटीटी: जी5
रेटिंग: **
घूमकेतू सिनेमा के दर्शकों के लिए इस साल की कोरोना काल से भी बड़ी आफत है। जनवरी से घोस्ट स्टोरीज से शुरू हुआ ये मर्ज लाइलाज होता जा रहा है। घूमकेतू फिल्म को बनाने वाली सोनी पिक्चर्स का अपना खुद का ओटीटी है सोनी लिव और फिल्म दिखाई जा रही है जी5 (ZEE5) पर। संतो बुआ से पूछो तो वह उसको और थोड़ा डकार लेकर समझा सकती हैं। इन्हीं का भतीजा घूमकेतू उनमें अपनी मां की छवि पाता है। रात को बुआ को डरावनी कहानियां सुनाता है। दिन में गुदगुदी नाम के एक अखबार में नौकरी के लिए चक्कर लगाता है।
फिल्म की कहानी
मोहाना गांव के घूमकेतु (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) को राइटर बनना है, फिल्म की कहानी लिखनी है। इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह गांव के अखबार 'गुदगुदी' के चक्कर काटता रहता है। जहां उसको काम नहीं मिलता है और संघर्ष उसका चलता रहता है। 30 दिनों में बॉलीवुड राइटर कैसे बनें नामक किताब को साथ में रखकर वह जिंदगी में संघर्ष करने मुंबई भाग आता है। यहां वह फिल्म निर्माता को अपनी कहानियां सुनाता है।
अपनी फिल्म में रणवीर सिंह, सोनाक्षी सिन्हा को लेने के सपने देखता है। शाहरुख की ऑफिस के चक्कर काटता है। रोमांटिक कहानी से लेकर, हॉरर, कॉमेडी सब ट्राई करता है। लास्ट में फिल्म निर्माता उसे 30 दिनों तक का वक्त देता है कि वो कोई अच्छी सी कहानी लेकर आए। वहीं, दूसरी ओर घर से भागे घूमकेतु को पकड़ने का जिम्मा मिलता है पुलिस अफसर बदलानी (अनुराग कश्यप) को, जिसे 30 दिनों में किसी भी तरह घूमकेतु को पकड़ना है। अब इन 30 दिनों में घूमकेतु राइटर बन पाता है या उसे पुलिस पकड़ लेती है। इसी के इर्द गिर्द पूरी कहानी घूमती है।
कैसी है घूमकेतु
4,5 साल पहले बनी ये फिल्म आपको हंसाने पर तो मजूबर करेगी लेकिन कहीं छूटती सी नजर आएगी। फिल्म की कहानी आपको खींचती सी नजर आ रही है।फिल्म में टेक्निकल टाइप की कोई चीज बताने या यहां लिखने लायक है नहीं। एक ठो आइटम नंबर है और उसका भी गीत संगीत और अभिनय बेहद कमजोर दर्जे का है। फिल्म के संवाद भी औसत लगते हैं। पिछले 5 सालों में बॉलीवुड ने अपने कंटेंट पर बेहतरीन काम किया है। ऐसे में घूमकेतु जैसी फिल्म खो जाती है।
एक्टिंग
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है इसके कलाकार। नवाजुद्दीन सिद्दीकी, इला अरूण और रघुबीर यादव ने अपने रोल से सबको बांध के रखा है। संतो बुआ के किरदार में इला अरुण ने बेहतरीन एक्टिंग की है । वह हंसाती हैं और कहानी की डोर को एक ओर से थामे रखती हैं। वहीं, अमिताभ बच्चन का कैमियो से खींचने का काम किया है। वहीं, नवाजुद्दीन ने फिल्म को अपने कंधों पर उठाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन कमजोर लेखन ने उनका साथ नहीं दिया।