आलिया भट्ट की फिल्म से पहले ही जाने लें कौन थीं 'गंगूबाई काठियावाड़ी', जिसको महज 500 रुपये के लिए उसके पति ने कोठे पर दिया था बेच
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 15, 2020 10:37 AM2020-01-15T10:37:33+5:302020-01-15T10:37:33+5:30
संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट पहली बार किसी फिल्म में साथ काम करने जा रहे हैं। इससे पहले संजय लीला भंसाली ने ऐलान किया था कि वह सलमान खान और आलिया भट्ट के साथ इंशाअल्लाह बनाएंगे ।
संजय लीला भंसाली एक बार फिर से फिर से एक नायाब फिल्म लेकर फैंस से रूबरू होने जा रहे हैं। संजय की नई फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी का पहला लुक रिलीज कर दिया गया है। इस फिल्म में लीड रोल में आलिया भट्ट नजर आने वाली हैं। आलिया भट्ट के गंगूबाई काठियावाड़ी के लुक को फैंस खासा पसंद कर रहे है। अब हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर ये गंगूबाई काठियावाड़ी कौन है तो आइए हम आपको बताते हैं कि गंगूबाई कौन हैं-
संजय लीला भंसाली और आलिया भट्ट पहली बार किसी फिल्म में साथ काम करने जा रहे हैं। इससे पहले संजय लीला भंसाली ने ऐलान किया था कि वह सलमान खान और आलिया भट्ट के साथ इंशाअल्लाह बनाएंगे । लेकिन किन्हीं कारणों से फिल्में ठंडे बस्ते में चली गई जिसके बाद डायरेक्टर ने इस फिल्म का ऐलान किया है।
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के मुताबिक गंगूबाई गुजरात के कठियावाड़ की रहने वाली थीं। जिस कारण से उनको सभी गंगूबाई काठियाड़ी कहते थे। बहुत छोटी उम्र में गंगूबाई को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया था।
जिसके बदा कुख्यात अपराधी गंगूबाई के ग्राहक भी बनें। गंगूबाई मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थीं। कहा जाता है कि गंगूबाई ने सेक्सवर्कर्स और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया था।गंगूबाई कठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था।
गंगूबाई बचपन से एक्ट्रेस बनना चाहती थीं। जब वह महज 16 साल की थीं अपने पिता के अकाउंटेटंट से प्यार कर बैंठी और शादी करने के लिए मुंबई बाग आईं। सपने देखने वाली उस गंगू ने कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वही पति उसको धोखा दे देगा और केवल 500 रूपये के लिए उसको बेच देगा।
एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' में माफिया डॉन करीम लाला का भी जिक्र किया गया है। किताब के मुताबिक करीब लाला की गैंग के एक शख्स ने उसके साथ रेप किया था जिसके बाद इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। करीम लाला की बहन होने के कारण जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई। ऐसा भी कहते हैं कि किसी लड़की के बिना गंगूबाई उसको कोठे पर नहीं बिठाती थीं।