FCAT क्या है जिसे खत्म किए जाने पर कुछ फिल्मी हस्तियों ने जताई है निराशा, जानें पूरा मामला

By दीप्ती कुमारी | Published: April 9, 2021 03:38 PM2021-04-09T15:38:27+5:302021-04-09T15:38:27+5:30

कानून मंत्रालय ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) को समाप्त कर दिया है। इस फैसले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई फिल्मी हस्तियों ने सरकार के इस फैसले पर निराशा भी जताई है।

film certification appellate tribunal abolished by the government hanshal mehta, vishal bhardwaj, guneet monga criticised the desicion | FCAT क्या है जिसे खत्म किए जाने पर कुछ फिल्मी हस्तियों ने जताई है निराशा, जानें पूरा मामला

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsकानून मंत्रालय द्वारा एफसीएटी को किए जाने पर फिल्मी हस्तियों ने जताई है निराशाफिल्मी हस्तियों ने इसे सिनेमा जगत के लिए दुखद दिन बताया हैसल मेहता, विशाल भारद्वाज, निर्माता गुनीत मोंगा, ऋचा चड्ढा जैसे फिल्मकारों ने उठाए हैं सवाल

मुबंई: हाल में कानून मंत्रालय ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले को लेकर कई फिल्मी हस्तियों ने निराशा जताई है। इन्हें डर है कि अब उन्हें अपनी बात रखने के लिए कोर्ट जाना पड़ेगा या सेंसर बोर्ड के आगे झुकाना होगा।

साथ ही कोर्ट के साथ फिल्मकारों में बेहतर समझ का अभाव और कोर्ट के फैसलों में आने वाली देरी ने भी इन हस्तियों को चिंता में डाल दिया है। कोर्ट में पहले से ही इतने अधिक मामले लंबित है, ऐसे में फिल्मों से जुड़े विवाद पर कितना ध्यान जा सकेगा, इसे लेकर भी कुछ फिल्मकारों चिंता जताई गई है। आईए पहले हम आपको बताते हैं कि ये FCAT  क्या है जिसे खत्म किए जाने पर इतनी चर्चा हो रही है।

क्या है एफसीएटी 

एफसीएटी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा सिनेमैटोग्राफी  अधिनियम 1952 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।इसका गठन फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फैसले से असंतुष्ट लोगों की अपील सुनने के लिए बनाया गया था। एफसीएटी ने कई फिल्मों की रिलीज में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है।

आसान भाषा में कहें तो जिन फिल्मों को लेकर सीबीएफसी में विवाद होता था और फिल्मकार उसके फैसलों से खुश नहीं होते तो वे एफसीएटी के पास पहुंचते थे। 

आपको बता दें कि 2017 में आई फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुरखा' को सीबीएफसी ने रिलीज करने से मना कर दिया था तब एफसीएटी के हस्तक्षेप के बाद कुछ  सीन हटाकर सीबीएफसी ने ए सर्टिफिकेट प्रमाणपत्र के साथ फिल्म को रिलीज करने का आदेश दिया था । कुछ ऐसा ही अनुराग कश्यप की फिल्म टबाबू मोशाय बंदूकबाज' के साथ भी हुआ था । ऐसे ही कई और उदाहरण भी हैं।

क्या बोले फिल्म जगत के दिग्गज...

एफसीएटी को हटाए जाने के बाद  निर्देशक हंसल मेहता, विशाल भारद्वाज, निर्माता गुनीत मोंगा, ऋचा चड्ढा जैसी कई फिल्मी हस्तियों ने सरकार के इस कदम  आलोचना की है। 

निर्देशक हसंल मेहता ने ट्वीट करते हुए लिखा , 'क्या कोर्ट के पास फिल्म प्रमाणन संबंधित शिकायतों दूर करने के लिए समय है ? कितने फिल्म निर्माताओं के पास अदालत जाने के साधन है ? एफसाएटी को समाप्त करना मनमानी और प्रतिबंधात्मक है । यह दुर्भाग्यपूर्ण समय है । यह निर्णय क्यों लिया गया है ?'

वहीं निर्देशक विशाल भारद्वाज ने इश फैसले को सिनेमा के लिए एक बुरा दिन बताया। प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने लिखा, 'ऐसा कुछ कैसे हो सकता है ? किसने लिया ये फैसला ?

Web Title: film certification appellate tribunal abolished by the government hanshal mehta, vishal bhardwaj, guneet monga criticised the desicion

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