फैज की नज्म को लेकर हो रहे विवाद पर डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'विरोध करने वालों में है बुद्धि की कमी'
By ज्ञानेश चौहान | Published: January 3, 2020 04:44 PM2020-01-03T16:44:37+5:302020-01-03T16:44:37+5:30
विशाल भारद्वाज का फैज अहमद फैज की कविताओं के साथ काफी पुराना जुड़ाव है। उन्होंने साल 2014 में अपनी फिल्म 'हैदर' में फैज के ऊपर दी हुई गजल को शामिल किया गया था।
पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' पर इन दिनों भारत में काफी विवाद छिड़ गया है। इस नज्म को विरोधकर्ता हिंदू विरोधी बता रहे हैं। इस विवाद पर देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। साथ ही बॉलीवुड से भी कई सेलेब्स ने अपनी राय दी है। अब बॉलीवुड डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने भी इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट करके अपनी बात रखी।
विशाल भारद्वाज ने ट्विटर पर लिखा, "फैज की नज्म को लेकर तमाशा होना बड़ा ही हास्यास्पद है। कविता को समझने के लिए आपको पहले इसे महसूस करने की आवश्यकता है। आपको भावनात्मक बुद्धिमत्ता के एक निश्चित मानक की आवश्यकता है, जो उन लोगों में पूरी तरह से कमी महसूस करता है जो इसे मुस्लिम समर्थक और हिंदू विरोधी बता रहे हैं।"
Tamasha around Faiz’s poem is so ridiculous. To understand the poetry, you need to feel it first. You need a certain standard of emotional intelligence which seems to be completely lacking in those who are interpreting it as pro-Muslim and anti-Hindu. #FaizAhmadFaiz
— Vishal Bhardwaj (@VishalBhardwaj) January 3, 2020
आपको बता दें कि विशाल भारद्वाज का फैज के साथ काफी पुराना जुड़ाव है। उन्होंने साल 2014 में अपनी फिल्म 'हैदर' में फैज अहमद फैज के ऊपर दी हुई गजल को शामिल किया गया था।
भारत में हो रहे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में फैज की इस नज्म का उपयोग किया जा रहा है। इस वजह से आईआईटी कानपुर ने एक जांच कमेटी बनाई है। अब यह जांच कमेटी यह निर्णय लेगी कि फैज की यह कविता हिंदू विरोधी है या नहीं? ये जांच नज्म की एक लाइन ‘बस नाम रहेगा अल्लाह का...’ की पंक्ति की वजह से हो रही है।