दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'साहेब बीवी और गैंगस्टर' को यूट्यूब से हटाने का दिया निर्देश, जानें वजह
By भाषा | Published: June 3, 2020 05:37 PM2020-06-03T17:37:44+5:302020-06-03T17:37:44+5:30
‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’ का पहला भाग साल 2011 में रिलीज की गई थी। इस फिल्म को दर्शकों से अच्छा रिस्पांस मिला था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल एलएलसी को यूट्यूब से हिंदी फिल्म ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर’ को हटाने के लिए कहा है, जिसे फिल्म के सह-निर्माता के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवैध रूप से अपलोड किया गया है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में यूट्यूब को 48 घंटों के भीतर फिल्म को हटाने का निर्देश दिया, लेकिन उसके वकील ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण अमेरिकी कंपनी गूगल एलएलसी का है जो निर्देश का पालन करेगी।
उच्च न्यायालय ने यूट्यूब की तरफ से पेश वकील द्वारा दिए गए बयान को दर्ज किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए नौ जुलाई को सूचीबद्ध किया। यह आदेश फिल्म के सह-निर्माता राहुल मित्रा द्वारा दायर एक मुकदमे पर आया, जिन्होंने दावा किया है कि ‘फिल्म के अन्य निर्माता तिग्मांशु धूलिया ने उन्हें फिल्म के सभी अधिकार सौंपे हैं। मित्रा ने अपनी दलील में कहा कि यूट्यूब पर उनकी फिल्म अपलोड किए जाने से उनके अधिकारों का हनन हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि इससे उनको बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि वह अमेजन प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर फिल्म के अधिकार बेचने की स्थिति में नहीं हैं। उच्च न्यायालय ने यूट्यूब और गूगल एलएलसी को नोटिस जारी किया और मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित अदालत की कार्यवाही के दौरान, यूट्यूब के वकील ने अदालत को बताया कि यह मंच केवल एक माध्यम है और इसलिए फिल्म को उसके मंच पर अपलोड किये जाने के लिए उसे उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
यूट्यूब ने कहा कि अभियोजक को उस व्यक्ति या संस्था पर मुकदमा करना चाहिए जिसने अवैध ढंग से फिल्म को अपलोड किया है। इसके बाद, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फिल्म अपलोड करने वाले को पांच दिनों के भीतर मुकदमे में अभियुक्त बनाने का निर्देश दिया।