Blackमेल की समीक्षा: इरफान खान की फिल्म किसी को लगी शानदार, तो किसी को बिल्कुल बेकार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 6, 2018 09:28 AM2018-04-06T09:28:52+5:302018-04-06T09:48:01+5:30
Blackmail Film Review: अभिनेता इरफान खान के रेयर बीमारी से पीड़ित होने की खबर आने के बाद उनकी पहली फिल्म रिलीज हुई है। इरफान खान इस समय लंदन में इलाज करा रहे हैं।
शुक्रवार (छह अप्रैल) को इरफान खान की Blackमेल सिनेमाघरों में रिलीज हुई। पिछले महीने खबर आई कि अभिनेता इरफान खान एक दुष्साध्य बीमारी से पीड़ित हैं। इरफान इस समय इलाज के लिए लंदन मे ंहैं। ऐसे में इरफान की Blackमेल का उनके प्रशंसकों का भावुकता भरा इंतजार था। अभी तक Blackमेल पर समीक्षकों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसे काफी खराब तो कुछ ने काफी अच्छा बताया है। आइए एक नजर डालते हैं कि फिल्म के बारे में समीक्षकों का क्या कहना है लेकिन इससे पहले फिल्म के बारे में थोड़ा जान लें।
Blackमेल की कॉस्ट-
डायरेक्टर- अभिनव देव
कलाकार- इरफान खान, कीर्ति कुलहरि, दिव्या दत्ता, अरुणोदय सिंह, ओमी वैद्य, अनुजा साठे, प्रद्युम्न सिंह और गजराज राव।
लेखक- परवीज शेख, प्रद्युम्न सिंह (संवाद)
संगीत- माइकी मैक्लियरी, पार्थ पारेख
सिनेमैटोग्राफी- जय ओझा
एडिटर- हुजेफा लोखंडवाला
प्रोड्यूर- टी सीरीज, आरडीपी मोशन पिक्चर्स
अवधि- 139 मिनट
Blackमेल की कहानी-
देव (इरफान खान) टॉयलेट पेपर बेचने वाला सेल्समैन हैं। देव अपने रोजमर्रा के कामकाज से अलग हटकर कुछ अलग करने की योजना बनाता है। वो अपनी बीवी को सरप्राइज देने के लिए एक दिन ऑफिस से घर जल्दी आ जाता है। लेकिन बीवी के साथ ही देव भी सरप्राइज हो जाता है। घर में उसकी बीवी के साथ कोई दूसरा ही मर्द मौजूद मिलता है। इसके बाद जो होता है उसे देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
Blackमेल की समीक्षा-
एनडीटीवी पर राजा सेन ने फिल्म को 5 में से 1.5 स्टार दिया है। राजा सेन लिखते हैं कि इरफान खान में खराब एक्टिंग करने की क्षमता ही नहीं है लेकिन निर्देशक अभिनव देव की फिल्म इतनी बेहूदी और कच्ची है कि उसके संग न्याय करना खान के वश का नहीं था। राजा सेन ने Blackमेल को मुंबई की बी-ग्रेड की फिल्मों जैसा बताया है। राजा सेन ने फिल्म के संगीत की भी खिंचाई की है।
बॉलीवुड लाइफ की समीक्षक अंकिता चौरसिया को फिल्म बहुत ही शानदार लगी। अंकिता ने लिखा है कि Blackमेल देखना एक उड़नखटोले की सवारी करने जैसा अनुभव रहा। अंकिता लिखती हैं, "आपको बिल्कुल पता नहीं होता है कि आगे क्या होने वाला है और ये जिज्ञासा ही आपको आतुर बनाए रखती है। इतने मनोरंजन के बाद आप कत्तई नहीं चाहते कि ये फिल्म खत्म हो। इसे न देखना अपराध होगा। जरूर देखने लायक फिल्म।"
डेक्कन क्रानिकल के समीक्षक रोहित भटनागर भी Blackमेल से काफी असंतुष्ट नजर आए। रोहित भटनागर ने लिखा है कि निर्देशक अभिनव राव अच्छी फिल्म बनाना नहीं जानते। अभिनव राव ने दिल्ली बेली (2011) से फिल्म करियर शुरू किया। फिर उन्होंने गेम (2011) और फोर्स 2 (2016) जैसी फिल्में बनाईं। रोहित ने खराब स्क्रिप्ट को चुनने के लिए इरफान खान की भी आलोचना की है। रोहित की नजरों में Blackमेल बड़े पर्दे पर की गयी एक बेवकूफी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के समीक्षक रचित गुप्ता ने भी फिल्म को 5 में से 4 स्टार दिया है। रचित गुप्ता ने लिखा है कि Blackमेल का प्लॉट उसका हीरो है। रचित ने लिखा है, "फिल्म डार्क और फनी के बीच अच्छा संतुलन बनाती है। फिल्म कैरेक्टर एक दूसरे से टकराते हैं और हैरान कर देने वाली घटनाएँ सामने आती हैं। फिल्म ब्लैकह्यूमर के तौर पर अपनी पकड़ नहीं खोती है। काफी लम्बे समय बाद बॉलीवुड में इतनी वीकेड फनी फिल्म आयी है।"
फिल्म समीक्षकों की इन प्रतिक्रियाओं से आप समझ ही गये होंगे कि Blackमेल समीक्षकों को या तो बहुत अच्छी लगी है या फिर बहुत खराब। जाहिर मामला अपने-अपने टेस्ट का है। ऐसे ओपिनियन का एक ही मतलब है कि अगर आपको फिल्म जम गयी तो आप गदगद होकर लौटेंगे, नहीं जमी तो अभिनव देव और इरफान खान को कोसते हुए। ऐसे में बेहतर है कि फिल्म देखने से पहले किसी ऐसे शख्स की राय लें जिसका फिल्म टेस्ट आपसे मिलता हो और वो ये फिल्म देखने का जुआ खेल चुका है।