Birthday Special: लता मंगेशकर जिनकी आवाज जीत लेती है दिल, पढ़िए किस्सा जब दिया गया था उन्हें जहर
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: September 28, 2019 06:21 AM2019-09-28T06:21:35+5:302019-09-28T06:21:35+5:30
लता मंगेशकर को साल 2001 में भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा साल 1969 उन्हें पद्म भूषण, साल 1989 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड और साल 1999 में पद्म विभूषण जैसे सम्मान मिल चुके हैं.
अपनी आवाज़ से करोड़ो दिलो पर राज करने वाली लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था. स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज़ से देश विदेश में खूब नाम कमाया है. अपने लम्बे सिंगिंग करियर में लता दीदी ने हिंदी और उर्दू सहित लगभग 35 भाषाओं में गाने गाये है. इतना ही नहीं उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े अवार्ड दादा साहब फाल्के से भी सम्मानित किया जा चुका है.
लेकिन क्या आपको पता है की जब लता 32 साल की थी तब उन्हें स्लो प्वॉइजन दिया गया था ?ये बात है साल 1962 की जब फिल्म बीस साल बाद' के लिए लता मंगेशकर को एक गाना का रिकॉर्ड करना था. उस वक़्त लता का करियर पीक पर था. फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर हेमंत कुमार ने लता मंगेशकर को रिकॉर्डिंग के लिए बुलाया था. लेकिन रिकार्डिंग से कुछ ही घंटे पहले लता मंगेशकर की तबीयत काफी खराब हो गई थी.
जब डॉक्टर ने उन्हें चेक किया तब इस बात का खुलासा हुआ कि लता के खाने में स्लो पॉइजन मिलाया जा रहा है. इस बात का ज़िक्र लता मंगेशकर की बेहद करीबी पदमा सचदेव ने अपनी किताब 'ऐसा कहां से लाऊं'में किया है. कहा जाने लगा लता दीदी फिरसे कभी गा नहीं पाएंगी. इस खबर ने सबके होश उड़ा दिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उनके बावर्ची ने उनके खाने में स्लो पाइजन मिला दिया था.
इस दौरान उनकी बहन उषा मंगेशकर ने ही उनके लिए अपने हाथों से खाना बनाया. करीब तीन महीने तक लता मंगेशकर बीमार रही. खबरें थी उस समय राइटर मजरूह सुल्तानपुरी रोज़ लता से मिलने उनके घर जाते थे. उन्होंने उस वक़्त लता मंगेशकर का खूब साथ दिया और उन्हें हिम्मत दी.
बाद में लता ने उस बावर्ची को बिना सैलरी दिए घर से निकाल दिया. हालाँकि लता मंगेशकर को जान से मारने की किसने कोशिश की थी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया.लता मंगेशकर को साल 2001 में भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा साल 1969 उन्हें पद्म भूषण, साल 1989 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड और साल 1999 में पद्म विभूषण जैसे सम्मान मिल चुके हैं.