Birthday Special: 13 साल की उम्र में घरवालों से बगावत कर दिल्ली भाग आए थे कैलाश खेर, टूटी चप्पल पहनकर लगाते थे स्टूडियो के चक्कर

By अमित कुमार | Published: July 7, 2020 07:18 AM2020-07-07T07:18:13+5:302020-07-07T07:18:13+5:30

काफी स्ट्रगल के बाद कैलाश खेर के गाने अल्ला के बंदे हिट साबित हुई। इस गाने ने कैलाश को इंडस्ट्री में पहचान दिलाई। कैलाश खेर 18 भाषाओं में गाने गा चुके हैं। 300 से अधिक गाने सिर्फ बॉलीवुड में गाए हैं।

Birthday Special happy birthday kailash kher know about his struggle story | Birthday Special: 13 साल की उम्र में घरवालों से बगावत कर दिल्ली भाग आए थे कैलाश खेर, टूटी चप्पल पहनकर लगाते थे स्टूडियो के चक्कर

कभी काम की तलाश में दर-दर भटकते थे कैलाश खेर। (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Highlightsकैलाश ने बचपन में ही पिता से संगीत की शिक्षा-दिक्षा ले ली थी।संगीत में जबरदस्त दिलचस्पी की वजह से जब वह 13 साल के थे, तभी वो संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से लड़कर दिल्ली आ गए थे। दिल्ली में आकर वह विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाकर पैसे कमाने में लग गए थे।

बॉलीवुड फेमस सिंगर कैलाश खेर आज अपनी आवाज से संगती जगत में राज कर रहे हैं। लेकिन कैलाश खेर की आवाज हमेशा से ऐसी नहीं थी। एक वक्त था, जब उनकी ये आवाज कोई पसंद नहीं करता था। आज ( 7 जुलाई) को कैलाश खेर का जन्मदिन है। कैलाश खेर 47 साल के हो गए हैं। 7 जुलाई 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। कैलाश खेर को संगीत विरासत में मिली थी। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे। इसी वजह से अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में वह ट्रेडिशनल फोक गीत गाया करते थे। 

कैलाश ने बचपन में ही पिता से संगीत की शिक्षा-दिक्षा ले ली थी। लेकिन कैलाश खेर को बॉलीवुड के गाने अच्छे नहीं लगते थे। पर उनको संगीत से लगाव तो काफी था। संगीत में जबरदस्त दिलचस्पी की वजह से जब वह 13 साल के थे, तभी वो संगीत की बेहतर शिक्षा लेने के लिए घरवालों से लड़कर दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने संगीत की शिक्षा तो लेनी शुरू कर दी लेकिन साथ में पैसे कमाने के लिए छोटा-मोटा सा काम भी शुरू कर दिया। दिल्ली में आकर वह विदेशी लोगों को संगीत भी सिखाकर पैसे कमाने में लग गए थे।

बिजनेस में घाटे की वजह से हुए डिप्रेशन का शिकार

दिल्ली में रहते हुए 1999 तक कैलाश खेर ने अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ एक्सपोर्ट का बिजनेस करने लगे थे। 1999 में ही उन्हें इस कारोबार में इतना बड़ा नुकसान हुआ कि उनके पास एक भी रकम नहीं बची, वह पूरी तरह कंगाल हो चुके थे। बिजनेस में घाटे की वजह से कैलाश डिप्रेशन में चले गए थे। इसी डिप्रेशन में आकर कैलाश ने सुसाइड करने का सोच लिया था। लेकिन किसी तरह कैलाश इस डिप्रेशन से बाहर निकले। 

काम की तलाश में दर-दर भटकते थे कैलाश खेर

इसके बाद बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए कैलाश खेर मुंबई आ गए थे। मुंबई आने के बाद कैलाश ने काफी गरीबी में के दिन देखें। वह कोई अच्छे घर में नहीं बल्कि चॉल में रहते थे। उनके हालत कैसे थे वो इसी बात से पता चलता है कि उनके पास पहनने के लिए एक सही चप्पल भी नहीं थी। वह एक टूटी चप्पल पहनकर 24 घंटे स्टूडियो के चक्कर लगाते रहते ताकि कोई तो उनकी आवाज को सुन उनको गाने का मौका दे दे। एक दिन उन्हें राम संपत ने एक ऐड का जिंगल गाने के लिए बुलाया, जिसके लिए उन्हें 5 हजार रुपए मिले। तब पांच हजार रुपए भी कैलाश को बहुत ज्यादा लगे और इनसे उनका कुछ दिन का काम चल गया। 

मुंबई में सालों तक स्ट्रगल करने के बाद मिली पहचान

मुंबई में सालों तक स्ट्रगल करने के बाद फिल्म अंदाज में उन्हें ब्रेक मिला। इस फिल्म में कैलाश का गाया हुआ गाना 'रब्बा इश्क ना होवे' काफी हिट हुआ। लेकिन कैलाश के किस्मत का तारा तब चमका जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है में 'अल्ला के बंदे हम' गाने में अपनी आवाज दी। ये गाना कैलाश के हिट गानों में से एक है। कैलाश खेर 2009 में मुंबई बेस्ड शीतल से शादी की है। उनका एक पांच साल का बेटा भी है, जिसका नाम कबीर है। कैलाश खेर ने 18 भाषाओं में गाने गाए हैं। 300 से अधिक गाने कैलाश ने सिर्फ बॉलीवुड में गाए हैं। कैलाश को अपने गानों के लिए दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। 

Web Title: Birthday Special happy birthday kailash kher know about his struggle story

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