पुण्यतिथि विशेष: जब रॉयल्टी को लेकर लता से मोहम्मद रफी का हो गया था विवाद , छोटी उम्र में बनाया था सबको दीवाना
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 24, 2018 08:27 AM2018-12-24T08:27:37+5:302018-12-24T08:44:42+5:30
मोहम्मद रफी के गाए गीत 'तुम मुझे यूं भुला न पाओगे' को सच में कोई नहीं भूल पाया है और न ही गायक को कोई भुला पाया है।
मोहम्मद रफी के गाए गीत 'तुम मुझे यूं भुला न पाओगे' को सच में कोई नहीं भूल पाया है और न ही गायक को कोई भुला पाया है। आज भी कोई नहीं भुला पाया है गायिकी के सम्राट मोहम्मद रफी साहब को।उनका एक एक गीत आज तक फैंस के दिलों में जिंदा है। आज रफी साहब का जन्मदिन है। सुरों के बादशाह रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर के नज़दीक, कोटला सुल्तान सिंह में हुआ था। आइए जानते हैं रफी के जीवन के कुछ किस्से जिनसे फैंस आज तक रुबरु नहीं हैं-
13 साल में गाया पहला गाना
मोहम्मद रफी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी गायकी शुरू कर दी थी। वे अक्सर एक फकीर के गीतों को सुनते रहते थे और धीरे-धारे उनका संगीत के प्रति प्रेम बढ़ता गया, जिसकी भनक उनके बड़े भाई हमीद को लग गई थी और उन्होंने फिर उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर दिल अजीज हो गए।
लता से विवाद
कहते हैं एक बार लता मंगेशकर के साथ रॉयल्टी को लेकर रफी का विवाद हो गया था। दरअसल हुआ कुछ ऐसा था कि रफी रफी का रहना था कि गाना गायक का मेहनताना लेने के बाद रॉयल्टी लेने का सवाल ही नहीं उठता। जबकि लता ऐसा नहीं मानती थीं। उनका मानना था कि वह आमदानी का हिस्सा गायक-गायिकाओं को जरूर मिलना चहिए। इसे लेकर दोनों के बीच मनमुटाव हो गया था। ये विवाद इतना हुआ था। दोनों ने साथ गाना बंद कर दिया था। हांलाकि बाद में दोनों ने फिल्म 'ज्वेल थीफ' के गाने 'दिल पुकारे आ रे आ रे आ रे' को दोनों ने साथ गाया था।
जब मुंह से निकला खून
कव्वाली, सूफी, भक्ति, रोमांटिक और इमोशनल गानों के जरिए फैंस को दीवाना करने वाले रफी हमेशा आराम से गाना गाने में विश्वास करते थे। लेकिन क्या आज जानते हैं कि एक गाना ऐसा भी था, जिसे गाते-गाते रफी के मुंह से खून आ गया था। कहते हैं कि फिल्म बैजू बावरा का ओ दुनिया के रखवाले। इस गाने के लिए रफी ने 15 दिन रियाज किया था। इस गाने को गाने के बाद उनकी आवाज कुछ ऐसी टूट गई कि हर कोई कहने लगा कि वह अपनी आवाज दोबारा हासिल नहीं कर पाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कुछ वर्षों बाद उन्होंने फिर यह इस गाने को रिकॉर्ड किया और पहले से भी ऊंचे स्केल पर गाया, वह भी बिना किसी परेशानी के।
ये हैं लोकप्रिय गीत
रफी के बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय गानों की बात करें तो उनमें आने से उस के आए बहार, बहारो फूल बरसाओ, लिखे जो खत तुझे, क्या हुआ तेरा वादा, आज मौसम बड़ा बेईमान है, ये दुनिया ये महफिल, बदन पे सितारे लपेटे हुए, तुम जो मिल गए हो, ये रेशमी जुल्फे, चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम, गुलाबी आंखें, मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, कहने दो जी कहता रहे, चाहे मुझे कोई जंगली कहे, तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को जैसे गानें शामिल हैं